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क्या लोकतंत्र खतरे में है? विदेशी धरती पर एस जयशंकर से सवाल; दिखा दी स्याही वाली उंगली

  • विदेश मंत्री इन दिनों जर्मनी की यात्रा पर हैं। एक कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे सवाल किया गया कि क्या दुनियाभर में लोकतंत्र खतरे में है। इसपर एस जयशंकर ने अपनी स्याही लगी हुई उंगली दिखाते हुए जवाब दिया।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानSat, 15 Feb 2025 01:20 PM
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क्या लोकतंत्र खतरे में है? विदेशी धरती पर एस जयशंकर से सवाल; दिखा दी स्याही वाली उंगली

जर्मनी के म्यूनिख में सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर से लोकतंत्र को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बड़े ही शानदार तरीके से इशारों में ही जवाब दे दिया। उनसे सवाल किया गया था कि क्या दुनियाभर में लोकतंत्र खतरे में है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वोट के अधिकार और लोकतंत्र को लेकर अपने विचार भी रखे। उनके साथ नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास स्टोर, अमेरिकी सांसद एलिसा स्लॉटकिन और अन्य देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

पश्चिमी देशों के लेकतंत्र को लेकर एस जयशंकर ने कहा कि मैं निराशावादियों के बीच में एक आशावादी शख्स हूं। मैं अपनी एक उंगली उठाना चाहूंगा। इसे गलत तरीके से ना लें। यह मेरी तर्जनी है। आप मेरे नाखून पर एक निशान देख सकते हैं। यह उस व्यक्ति की उंगली पर लगाया जाता है जिसने वोट कियो हो। हमारे राज्य में हाल ही में चुनाव हुए हैं। पिछले साल हमारे देश में आम चुनाव हुए थे।

जयशंकर ने बताया कि किस तरह से भारत के चुनाव में दो तिहाई योग्य मतदाता वोट करते हैं। उन्होने कहा कि 90 करोड़ में से 70 करोड़ लोगों नो वोट किया और हमने एक ही दिन में वोटों की गिनती कर दी। उन्होंने कहा हमारे देश में चुनाव परिणाम के बाद कोई विवाद नहीं हुआ। हमने आधुनिक जमाने के हिसाब से चुनावी प्रक्रिया को आसान बनाया है। एक दशक पहले से तुलना करें तो अब 20 फीसदी ज्यादा लोग मतदान की प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं।

उन्होंने कहा, हमारा पहला संदेश यही है कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है। हम लोग इसे महसूस कर रहे हैं। हम अच्छी तरह वोट करते हैं। हम लोकतंत्र को लेकर आशावादी हैं। उन्होंने अमेरिकी सांसद के बयान का भी जवाब दिया। एलिसा स्लोटकिन ने कहा था कि लोकतंत्र से आपके सामने भोजन नहीं आ जाता। जयशंकर ने कहा, हमारे यहां ऐसा ही होता है। हमारी सरकार 80 करोड़ लोगों को राशन देती है। उन्होंने कहा कि कुछ समस्याएं हैं तो उनका समाधान भी है।

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