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ISIS के सताए धार्मिक अल्पसंख्यक यजीदी समुदाय ने भारत से मांगी मदद, UN में समर्थन की उम्मीद

  • खद्र हजोयान ने कहा, 'हम चाहते हैं कि राष्ट्र (सरकार) स्तर पर भी यजीदियों को सुरक्षा प्रदान की जाए। हम यजीदियों के पास अपना कोई देश नहीं है। भारत संयुक्त राष्ट्र में, खासकर सुरक्षा परिषद में एक प्रभावशाली देश है।'

Niteesh Kumar भाषाMon, 25 Nov 2024 12:01 PM
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आईएसआईएस की ओर से सताए गए इराक के धार्मिक अल्पसंख्यक यजीदी समुदाय ने भारत से मदद मांगी है। इसके एक नेता ने भारत सरकार की ओर से संयुक्त राष्ट्र में उनके मुद्दे को उठाकर समुदाय की मदद करने की उम्मीद जताई। आईएसआईएस ने हजारों यजीदियों को मार डाला था और महिलाओं व लड़कियों को यौन दासता में धकेल दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारत सरकार से कोई मदद चाहते हैं, आर्मेनिया में यजीदी राष्ट्रीय संघ के अध्यक्ष खद्र हजोयान ने ‘हां’ में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वह 2015 में भारत से समर्थन मांगने वाले यजीदी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।

हैदराबाद में आयोजित ‘लोकमंथन-2024’ में खद्र हजोयान ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर सहित कई संगठनों ने उस समय यजीदियों को मानवीय सहायता भेजी थी। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि राष्ट्र (सरकार) स्तर पर भी यजीदियों को सुरक्षा प्रदान की जाए। हम यजीदियों के पास अपना कोई देश नहीं है। भारत संयुक्त राष्ट्र में, खासकर सुरक्षा परिषद में एक प्रभावशाली देश है। भारत हमारे बारे में वास्तविकता पेश कर सकता है और प्राचीन (समुदाय) में से एक यजीदियों के अस्तित्व को समाप्त होने से बचा सकता है।’

दुनिया भर में यजीदी आबादी लगभग 20-30 लाख

खद्र हजोयान ने कहा कि दुनिया भर में यजीदियों की लगभग 20-30 लाख आबादी है। यजीदी वर्तमान में जर्मनी, रूस, आर्मेनिया, यूक्रेन, जॉर्जिया, अमेरिका, कनाडा, सीरिया और तुर्की सहित विभिन्न देशों में रहते हैं। हजोयान ने कहा कि यजीदी अभी भी इराक, सीरिया और तुर्की में अस्थायी आश्रयों में रहते हैं और कई शरणार्थी आर्मेनिया आते हैं, जहां वे सुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत से मदद मिलने की वे उम्मीद रखते हैं। हमारी आवाज आगे तक उठाई जानी चाहिए।

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