पाकिस्तान में इंटरनेट की लंका लग गई, अब भारत पर भी मढ़ रहा दोष; क्या है वजह?
- पाकिस्तानी लोगों का मानना है कि पाकिस्तान में स्लो इंटरनेट के पीछे फायरवॉल सिस्टम है। खुद पाकिस्तानी सरकार इस फायरवॉल सिस्टम को इंस्टॉल कर रही है।
पाकिस्तान में इन दिनों से इंटरनेट की लंका लगी हुई है। पड़ोसी मुल्क में इंटरनेट इतना स्लो हो गया है कि कई विदेशी कंपनियां देश छोड़कर जाने की तैयारी में हैं। पाकिस्तानी यूजर्स अपनी ही सरकार के एक विवादास्पद कदम को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं पाकिस्तानी सरकार ने भारत पर आरोप मढ़ा है। उसका कहना है कि भारत सरकार से जुड़े लोग इसके पीछे हैं। हालांकि पाकिस्तानी लोगों का मानना है कि पाकिस्तान में स्लो इंटरनेट के पीछे फायरवॉल सिस्टम है। खुद पाकिस्तानी सरकार इस फायरवॉल सिस्टम को इंस्टॉल कर रही है।
पिछले कुछ हफ्तों में, यूजर्स ने व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप के जरिए मीडिया फाइलें और वॉयस नोट्स भेजने और डाउनलोड करने में परेशानी की शिकायत की है। उनका कहना है कि वे भले ही ब्रॉडबैंड नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हों फिर भी इंटरनेट कनेक्शन स्लो चल रहा है। इंटरनेट की धीमी और अनियमित सेवाओं के कारण देश से बड़े पैमाने पर विदेशी कारोबारी पलायन कर सकते हैं।
देश के आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी पाकिस्तान सॉफ्टवेयर हाउस एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि इंटरनेट संबंधी समस्याओं के कारण नाजुक अर्थव्यवस्था को 300 मिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है। एसोसिएशन ने यह भी चिंता जताई कि सरकार जल्दबाजी में राष्ट्रीय फायरवॉल लागू कर रही है, जिससे संभावित रूप से ये नेट स्पीड स्लो हुई है। वहीं पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (PTA) ने इन दावों से नकार दिया है।
पीटीए ने खराब सबमरीन केबल को दोषी ठहराया
बुधवार को देश के दूरसंचार प्राधिकरण ने इंटरनेट की धीमी गति के लिए एक खराब सबमरीन केबल को जिम्मेदार ठहराया। डॉन डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल असेंबली की आईटी पर स्थायी समिति के साथ एक बैठक में, पीटीए के अध्यक्ष रिटायर्ड मेजर जनरल हफीजुर रहमान ने कहा कि इंटरनेट की धीमी गति मुख्य रूप से सबमरीन केबल (एसएमडब्ल्यू 4) में से एक के क्षतिग्रस्त होने के कारण हुई। रहमान ने समिति को आश्वासन दिया कि 28 अगस्त तक केबल की मरम्मत हो जाने की उम्मीद है, जिसके बाद इंटरनेट की सामान्य गति बहाल हो जाएगी।
फायरवॉल इंस्टॉल करने के आरोपों पर रहमान ने कहा कि सरकार साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केवल अपने वेब मैनेजमेंट सिस्टम को अपग्रेड कर रही है, न कि इंटरनेट को बाधित कर रही है। पीपीपी सीनेटर शर्मिला फारूकी ने पीटीए प्रमुख से कहा, "आपसे सीधा सवाल पूछा गया है। क्या फायरवॉल इंस्टॉल किया गया है या नहीं?" इस पर रहमान ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट की गति धीमी होने में पीटीए की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने इसके लिए तकनीकी समस्याओं को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान सहित हर देश का अपना सिस्टम है।"
इस बीच, लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने पीटीए द्वारा एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद, पाकिस्तान में चल रही इंटरनेट की धमी गति के बारे में केंद्र सरकार से अधिक विस्तृत और खंड-वार स्पष्टीकरण की मांग की है। रिपोर्ट में देश भर में इंटरनेट की गति में महत्वपूर्ण गिरावट के चार प्राथमिक कारणों को बताया गया है। हालांकि, अदालत ने स्पष्टीकरण को असंतोषजनक पाया और अगली सुनवाई में अधिक जानकारी मांगी है।
पाकिस्तान की एक सबमरीन केबल को हुए नुकसान के अलावा, रिपोर्ट में 31 जुलाई को एक प्रमुख इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) द्वारा एक बड़ी गलत कॉन्फिगरेशन का हवाला दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस त्रुटि के कारण देश भर में इंटरनेट सेवाओं में 70% की गिरावट आई, जिसके कारण पीटीए को आईएसपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी।
पीटीए ने बताया कि वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के बढ़ते इस्तेमाल ने स्पीड को धीमा किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वीपीएन, अपने एन्क्रिप्शन, टनलिंग और डेटा रूटिंग के कारण स्वाभाविक रूप से धीमी इंटरनेट स्पीड का कारण बनते हैं। दूरसंचार प्राधिकरण ने 15 अगस्त को इंटरनेट ट्रैफिक में लगभग 1.5 टीबीपीएस की गंभीर गिरावट की रिपोर्ट दी थी। इसने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि इसके पीछे भारत सरकार के लोग जुड़े हैं। इसने कहा कि ये लोग पिछले कुछ वर्षों से राष्ट्रीय दिवसों पर “इंटरनेट सेवाओं को कम करने या सरकारी वेबसाइटों को खराब करने” में लगे हैं। फिलहाल भारत ने अभी तक निराधार दावों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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