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अब भारत के बाद पाकिस्तान नहीं जाएंगे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति, 26 जनवरी को होंगे चीफ गेस्ट?

  • इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांटो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में ब्राजील में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 11 Jan 2025 08:31 PM
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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो इस महीने भारत के गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो सकते हैं। हालांकि भारत की ओर से अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इसकी वजह राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो का भारत के तुरंत बाद होने वाला दौरा बताया जा रहा है। ऐसी खबरें थीं कि भारत के बाद इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सीधे पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद जा सकते हैं। हालांकि अब वे पाकिस्तान के बजाय मलेशिया के दौरे पर जाएंगे।

यह 1950 के बाद चौथा मौका होगा जब कोई इंडोनेशियाई नेता भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। भारत गणतंत्र दिवस के लिए केवल उन्हीं देशों के नेताओं को आमंत्रित करता है, जिनके साथ उसके प्रगाढ़ कूटनीतिक संबंध होते हैं। इंडोनेशिया भारत का करीबी समुद्री पड़ोसी है और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रिश्ते हैं। राष्ट्रपति सुबियांटो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में ब्राजील में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी। यह दौरा भारत की आसियान देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की नीति का हिस्सा है।

पाकिस्तान दौरा रद्द करने की वजह

WION की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले खबरें थीं कि राष्ट्रपति सुबियांटो भारत दौरे के बाद पाकिस्तान जा सकते हैं। हालांकि, भारत सरकार लंबे समय से "डि-हाइफनेशन" की नीति को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत विदेशी नेताओं से अनुरोध किया जाता है कि वे भारत से पाकिस्तान न जाएं। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में खटास और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के कारण यह नीति अपनाई गई है।

डि-हाइफनेशन की यह नीति पहली बार जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन के दूसरे कार्यकाल में अमेरिकी विदेश नीति का हिस्सा बनी। इसका उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के प्रति नीतियों को अलग करना और भारत की वैश्विक शक्ति के रूप में बढ़ती स्थिति को मान्यता देना था। भारत की "एक्ट ईस्ट पॉलिसी" के 10 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पिछले वर्ष वियतनाम और मलेशिया सहित कई आसियान देशों के नेता भारत आए थे। वहीं, भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का दौरा किया था। भारत और इंडोनेशिया के बीच समुद्री सुरक्षा, व्यापार और सांस्कृतिक क्षेत्रों में घनिष्ठ संबंध हैं। राष्ट्रपति सुबिआंटो का दौरा दोनों देशों के बीच इन रिश्तों को और मजबूत करेगा।

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