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अब्बू...यह मेरा आखिरी फोन है, सऊदी अरब में भारतीय महिला को दे दी गई फांसी; क्या था जुर्म

  • सऊदी अरब में एक भारतीय महिला को मौत की सजा दे दी गई। आखिरी इच्छा पूछे जाने पर उसने परिवार से बात करवाने को कहा। शहजादी का परिवार बांदा में रहता है। उन्होंने फोन पर यही कहा कि यह उनका आखिरी फोन है।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानMon, 17 Feb 2025 01:51 PM
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अब्बू...यह मेरा आखिरी फोन है, सऊदी अरब में भारतीय महिला को दे दी गई फांसी; क्या था जुर्म

उत्तर प्रदेश के बांदा की रहने वाली 33 साल की महिला को सऊदी अरब में फांसी देने का फरमान सुना दिया गया। शहजादी नाम की महिला को अबू धाबी की वाथबा जेल में रखा गया था। फांसी से पहले अबू धाबी जेल प्रशासन ने उन्हें आखिरी बार अपने परिवार से बात करने की इजाजत दी। शहजादी ने अपने परिवार से थोड़ी ही बात की और कहा कि यह उनका आखिरी फोन है। उन्होंने यह भी कहा कि बांदा में उनके विरोधियों के खिलाफ दर्ज कराया गया केस भी वापस ले लें।

शहजादी बांदा के गोयरा मुगली गांव की रहने वाली हैं। आगरा के रहने वाले उजै नाम के शख्स ने उन्हें ऐशो आराम की जिंदगी का झांसा देकर बेच दिया। इसके बाद आगरा का रहने वाला एक दंपती उन्हें सऊदी अरब लेकर चला गया। वहीं जिस दंपती ने उसे सऊदी अरब भेजा था उसके खिलाफ बांदा में केस दर्ज किया गया। उजैर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था।

शहजादी को क्यों मिली सजा

दंपती ने शहजादी को बच्चा पालने के काम में लगा दिया। एक दिन अचानक बच्चे की मौत हो गई। दंपती ने शहजादी पर आरोप लगाया कि उसकी वजह से ही बच्चे की जान गई है। इसके बाद जांच शुरू हुई। शहजादी को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने मौत की सजा सुना दी। शहजादी के पिता शब्बीर खान ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई की उनकी बेटी को बचाने के लिए सरकार से अपील की जाए।

शहजाती का पूरा जीवन ही कठिनाइयों में गुजरा। बचपन में वह एक बार जल गई थीं। 2020 में सोशल मीडिया के जरिए उजैर से उनकी जान पहचान हुई थी। उजैर ने कहा कि वह उनका इलाज करवाएगा और अच्छी लाइफ देगा। इसके बाद उजैर ही उन्हें लेकर सऊदी अरब गया और एक रिश्तेदार को सौंप दिया। जिस दंपती के पास शहजादी रहती थीं उनका नाम फैज और नादिया था। उस समय दंपती का चार महीने का बच्चा था।

शहजादी का कहना था कि इलाज में लापरवाही की वजह से बच्चे की जान गई थी। वहीं दंपती ने शहजादी को ही मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। 16 फरवरी को शहजादी के परिवार को बताया गया कि 24 घंटे के अंदर उसे फांसी दे दी जाएगी। शहजादी से जब पूछा गया कि उनकी आखिरी इच्छा क्या है। इसपर उन्होंने परिवार से बात करने की इच्छा जाहिर की।

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