LAC विवाद का कितना हुआ निपटारा, पता लगाने के लिए देपसांग-डेमचोक में गश्त कर रही भारतीय सेना
- देश मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि भारतीय सैनिक एलएसी के डेमचोक और देपसांग इलाकों में गश्त कर रहे हैं ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि आपसी सहमति के तहत चीन ने अपने सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है।
भारत और चीन के बीच चार साल से जारी सीमा तनाव के बाद लद्दाख सेक्टर में अब हालात सामान्य होने लगे हैं। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि भारतीय सैनिक एलएसी के डेमचोक और देपसांग इलाकों में गश्त कर रहे हैं ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि आपसी सहमति के तहत चीन ने अपने सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है। दोनों देशों के बीच 21 अक्टूबर को हुए समझौते के तहत लद्दाख सेक्टर में विवादित क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी और मुद्दों के समाधान पर सहमति बनी थी। इसके बाद 23 अक्टूबर से डेमचोक और देपसांग में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई, इसे 30 अक्टूबर तक पूरा कर लिया गया।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 23 अक्टूबर को रूस के कजान शहर में मुलाकात हुई। इस बैठक में दोनों नेताओं ने सीमा विवाद के समाधान और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए कई बातचीत के रास्तों को फिर से खोलने पर सहमति जताई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, “आप सभी जानते हैं कि 21 अक्टूबर 2024 को भारत और चीन के बीच अंतिम चरण की वापसी पर सहमति बनी। इसके बाद डेमचोक और देपसांग में आपसी सहमति से पेट्रोलिंग की जा रही है।”
सूत्रों के अनुसार, भारतीय सैनिकों की पेट्रोलिंग का उद्देश्य यह पुख्ता करना है कि दोनों देशों के सैनिक और उनके उपकरण विवादित स्थानों से एक निश्चित और सहमति प्राप्त दूरी पर हटा दिए गए हैं। साथ ही, पिछले साल खड़ी की अस्थायी कंस्ट्रक्शन को भी दोनों देशों की सेनाओं ने डेमचोक और देपसांग से हटा दिया है। अब भारतीय सैनिक उन महत्वपूर्ण पेट्रोलिंग बिंदुओं तक पहुंच सकते हैं, जिन तक चीन की सेना ने पहले रोक लगा दी थी।
जायसवाल ने बताया कि मोदी और शी के बीच हुई बैठक में इस बात पर भी सहमति हुई कि दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि- भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी जल्द ही सीमा विवाद पर बातचीत करने के लिए मिलेंगे। इसके अलावा, विदेश मंत्रियों और अन्य अधिकारियों के स्तर पर बातचीत का इस्तेमाल द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने के लिए किया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये घटनाक्रम लद्दाख सेक्टर में जारी तनाव को समाप्त करने की दिशा में एक अहम कदम है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष में 20 भारतीय और कम से कम 4 चीनी सैनिकों की जान जाने के बाद से दोनों देशों के संबंध गहरे तनाव में चले गए थे। लेकिन अब, दोनों देशों के बीच नए सिरे से डायलॉग को सक्रिय करने की उम्मीद जताई जा रही है, जो लंबे समय तक के समाधान का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। हालांकि, इन प्रस्तावित बैठकों के लिए अभी तक कोई तारीख तय नहीं हुई है।