थर-थर कांपेंगे दुश्मन, स्वदेशी LCA मार्क 2 लड़ाकू विमानों को लेकर आया बड़ा अपडेट
- डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत और भारतीय वायु सेना के उपप्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित की अध्यक्षता में कुछ दिन पहले हाई लेवल मीटिंग हुई। इस दौरान स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रमों की समयसीमा पर चर्चा की गई।
भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में 4.5 जनरेशन प्लस एलसीए मार्क 2 फाइटर जेट मार्च 2026 तक उड़ान भरना शुरू कर देगा। साथ ही, साल 2029 तक बड़े पैमाने पर इनका प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, इंडियन फिफ्थ-जनरेशन के फाइटर एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का बड़े पैमाने पर उत्पादन 2035 तक शुरू होगा। डिफेंस अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में यह जानकारी दी। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत और भारतीय वायु सेना के उपप्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित की अध्यक्षता में कुछ दिन पहले हाई लेवल मीटिंग हुई। इस दौरान स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रमों की समयसीमा पर चर्चा की गई थी।
डॉ. कामत और एयर मार्शल दीक्षित ने डीआरडीओ भवन में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी की ओर से LCA MK-II डेवलपमेंट प्रोग्राम के बारे में जानकारी ली। सभी डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और क्लस्टर के महानिदेशकों ने इसमें भाग लिया। इस दौरान प्रोटोटाइप की फ्लाइट टेस्टिंग के साथ ही सिस्टम और सब-सिस्टम्स में हो रही प्रगति को लेकर चर्चा हुई। डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि इन प्रयासों को लेकर संभावित जोखिमों पर भी ध्यान दिया गया। हालांकि, बैठक के दौरान एलसीए मार्क 2 कार्यक्रम पर विस्तार चर्चा की गई।
फंड जारी होने में देरी के कारण समयसीमा में बदलाव
फिलहाल, रक्षा क्षेत्र से जुड़े इस कार्यक्रम में लगभग एक साल की देरी हुई है। हालांकि, इसका प्रोटोटाइप 2025 की शुरुआत तक तैयार होना है। बताया जा रहा है कि फंड जारी होने में हुई देरी के कारण तय समयसीमा में बदलाव करना पड़ा, जो कि अगले स्वदेशी लड़ाकू विमान के लिए इंजन के सौदे पर हस्ताक्षर करने से जुड़ा था। बता दें कि सभी LCA एयरक्राफ्ट अमेरिकी जीई इंजन से ऑपरेट होंगे। एलसीए मार्क 1 और मार्क 1A को GE-404 के जरिए संचालित किया जाएगा। एलसीए मार्क 2 जीई-414 से संचालित होगा, जिसे भारत में अमेरिकी फर्म की ओर से स्वदेशी सामग्री के साथ निर्मित किया जाएगा। मालूम हो कि सरकार मिराज 2000, जगुआर और मिग-29 सहित सेना के सभी मुख्य बेड़े को एलसीए मार्क 2 से बदलने की तैयारी में है। इनमें से 250 से अधिक विमानों को अगले 10-15 वर्षों में बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा।