चीन से सीमा पर तनातनी के बीच मालाबार नौसेना अभ्यास, 4 देशों के जांबाज दिखाएंगे हैरतअंगेज कारनामे
- भारतीय नौसेना की ओर से कहा गया, 'मालाबार अभ्यास 2024 आठ से 18 अक्टूबर तक चलेगा, जिसकी शुरुआत विशाखापत्तनम में बंदरगाह चरण से होगी। इसके बाद समुद्री चरण होगा।'
चीन से सीमा पर तनातनी के बीच भारत मंगलवार से शुरू होने वाले 4 देशों के मालाबार नौसैनिक अभ्यास की मेजबानी करेगा। भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की नौसेनाएं इस विशाल युद्धाभ्यास के समुद्री चरण के दौरान कई जटिल नौसैनिक अभ्यास करेंगी। भारतीय नौसेना की ओर से कहा गया, 'मालाबार अभ्यास 2024 आठ से 18 अक्टूबर तक चलेगा, जिसकी शुरुआत विशाखापत्तनम में बंदरगाह चरण से होगी। इसके बाद समुद्री चरण होगा।' मालाबार अभ्यास 1992 में अमेरिका और भारतीय नौसेना के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था। अब यह एक प्रमुख बहुपक्षीय कार्यक्रम के रूप में विकसित हो चुका है।
मालाबार नौसैनिक अभ्यास का उद्देश्य अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, आपसी समझ को बढ़ावा देना और हिंद महासागर व हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा समुद्री चुनौतियों का समाधान करना है। इस अभ्यास में विभिन्न भारतीय नौसैनिक मंच शामिल होंगे, जिनमें निर्देशित मिसाइल विध्वंसक, बहुउद्देश्यीय युद्धपोत, पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर शामिल हैं। नौसेना ने कहा, 'इस अभ्यास में सहयोग और परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान (SMEE) के माध्यम से विशेष संचालन, सतह, वायु और पनडुब्बी रोधी युद्ध पर चर्चा शामिल है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी है। इसे लेकर वायुसेना प्रमुख ने हाल ही में कहा कि स्थिति वैसी ही है जैसी पिछले एक साल से थी, लेकिन इस दौरान बुनियादी ढांचे का विकास बहुत तेजी से हुआ है। उन्होंने कहा, ‘हम इसके तहत ही प्रयास कर रहे हैं। हम अपने हवाई पट्टियों को अपग्रेड कर रहे हैं। नई हवाई पट्टी बन रही हैं।’ उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि जहां तक जवानों का सवाल है, जहां तक मशीन के पीछे काम करने वाले लोगों का सवाल है, तो हम उनसे बहुत आगे हैं। एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘जहां तक टेक्नोलॉजी का सवाल है, हमारी स्थिति उतनी अच्छी नहीं है। हम पिछड़ गए हैं। कुछ समय पहले हम प्रौद्योगिकी में उनसे बेहतर थे। लेकिन, अब हम उसमें पिछड़ गए हैं और हमें उनसे आगे निकलने की जरूरत है।’