भारत ने हमेशा साथ दिया, हम भी PM मोदी की योजनाओं को कर रहे हैं लागू: इंडोनेशियाई राष्ट्रपति
- दोनों देशों ने फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया।
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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली आए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत और इंडोनेशिया के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए चर्चा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने शनिवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में बातचीत के दौरान व्यापार, निवेश, डिजिटल तकनीक, स्वास्थ्य, ऊर्जा, सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया।
इंडोनेशिया और भारत के ऐतिहासिक संबंध
राष्ट्रपति सुबियांतो ने भारत के साथ इंडोनेशिया के ऐतिहासिक और गहरे संबंधों को याद करते हुए कहा, "भारत ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान न केवल आर्थिक और चिकित्सा सहायता दी, बल्कि हमारे संघर्ष में नैतिक समर्थन भी दिया।" उन्होंने यह भी बताया कि इंडोनेशिया के दूतावास की जमीन भारत सरकार द्वारा गिफ्ट में दी गई थी, जो दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक है। उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "यह मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है कि मुझे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह खास है क्योंकि भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे।"
नई तकनीक और आर्थिक सहयोग पर जोर
दोनों देशों ने फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया। राष्ट्रपति सुबियांतो ने कहा, "हमने अपने देश में कई भारतीय योजनाओं का अध्ययन किया है और उन्हें लागू कर रहे हैं। हमने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनकी योजनाओं से प्रेरणा ली है।"
साझा सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को बढ़ावा
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत और इंडोनेशिया के संबंध हजारों साल पुराने हैं। हमें खुशी है कि हम इंडोनेशिया के बोरबोदुर बौद्ध मंदिर के संरक्षण के बाद अब प्रांबनन हिंदू मंदिर के संरक्षण में भी योगदान देंगे।" उन्होंने यह भी घोषणा की कि 2025 को "भारत-आसियान पर्यटन वर्ष" के रूप में मनाया जाएगा, जिससे दोनों देशों के बीच पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हम इस बात पर सहमत हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जानी चाहिए। भारत और इंडोनेशिया शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशियाई सैन्य दल की भागीदारी
पहली बार किसी विदेशी सैन्य दल के रूप में इंडोनेशियाई सेना की टुकड़ी ने भारत के गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेगी। राष्ट्रपति सुबियांतो ने इसे गर्व का विषय बताते हुए कहा, "हमारे लिए यह पहली बार है कि इंडोनेशियाई सैन्य टुकड़ी ने देश के बाहर परेड में भाग ले रही है। यह हमारे आपसी सम्मान और सहयोग का प्रतीक है।"
समझौते और घोषणाएं
इस अवसर पर दोनों देशों के बीच कई समझौता ज्ञापनों (MoUs) का आदान-प्रदान हुआ, जिनका उद्देश्य व्यापार और निवेश को सुगम बनाना, पर्यटन को बढ़ावा देना, और डिजिटल एवं ऊर्जा क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करना है। राष्ट्रपति सुबियांतो ने अपनी सरकार को निर्देश दिया कि वे सहयोग बढ़ाने के लिए अनावश्यक नौकरशाही और नियमों को सरल बनाएं।
प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत संदेश
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति सुबियांतो और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा, "इंडोनेशिया भारत के पहले गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि देश था और यह हमारे लिए गर्व की बात है कि 75वें गणतंत्र दिवस पर आप हमारे बीच हैं।" यह ऐतिहासिक मुलाकात भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रतीक है, जिससे न केवल दोनों देशों को बल्कि पूरे क्षेत्र को स्थिरता और समृद्धि का लाभ मिलेगा।