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यूएस से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा भारत; 32 हजार करोड़ की डील, 40 घंटे बिना रुके भरेगा उड़ान

  • अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन हासिल करने और भारत में उनके लिए रखरखाव व मरम्मत के लिए 32,000 करोड़ रुपये का यह सौदा हुआ है। सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने पिछले सप्ताह इन ड्रोनों के अधिग्रहण को लेकर मंजूरी दी थी।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 15 Oct 2024 01:59 PM
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भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को एक अहम समझौता हुआ। नई दिल्ली की ओर से अधिकारियों ने यूएस के साथ लंबी अवधि के 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदने संबंधी डील को अंतिम मंजूरी दे दी। प्रमुख अमेरिकी रक्षा और विविध प्रौद्योगिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स के साथ यह करार हुआ है। सरकार-से-सरकार ढांचे के तहत भारत ने अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदने का फैसला लिया है। सशस्त्र बलों की निगरानी क्षमता को बढ़ावा देने के लिहाज से इसे काफी अहम माना जा रहा है। भारतीय सेना को इसकी सख्त जरूरत बताई जा रही थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन हासिल करने और भारत में उनके लिए रखरखाव व मरम्मत के लिए 32,000 करोड़ रुपये का यह सौदा हुआ है। सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने पिछले सप्ताह इन ड्रोनों के अधिग्रहण को लेकर मंजूरी दी थी। इनमें से 15 भारतीय नौसेना को मिलेंगे, जबकि बाकी वायु सेना व सेना के बीच समान रूप से बांटे जाएंगे। प्रीडेटर ड्रोन को देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम बताया जा रहा है। इसकी सबसे खास बात यह है ये ड्रोन बिना रुके 40 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं।

450 किलोग्राम बम ले जाने की क्षमता

एमक्यू-9बी ड्रोन एमक्यू-9 रीपर का एक प्रकार है, जिसका इस्तेमाल हेलफायर मिसाइल के अपडेटेड वर्जन को दागने के लिए किया गया था। जुलाई 2022 में काबुल के मध्य में इसके हमले में अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी मारा गया था। इस डील के तहत भारतीय नौसेना को 15 सी गार्डियन ड्रोन मिलेंगे। भारतीय वायु सेना और सेना को 8-8 स्काई गार्डियन ड्रोन दिए जाएंगे। अत्यंत ऊंचाई में काम करने में योग्य ये ड्रोन 40 घंटे से अधिक समय तक हवा में रहने में सक्षम हैं। ये 4 हेलफायर मिसाइलें और लगभग 450 किलोग्राम बम ले जाने की क्षमता रखते हैं। सी गार्डियन ड्रोन इसलिए खरीदे जा रहे हैं क्योंकि वे समुद्री निगरानी, ​​पनडुब्बी रोधी युद्ध और सीमा पार लक्ष्य साधने सहित कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं।

बता दें कि सुरक्षा मामलों से जुड़ी कैबिनेट समिति (CCS) ने भारत की सैन्य शक्ति में इजाफा करने के मकसद से बीते दिनों अहम कदम उठाए। इसके तहत, अमेरिका से 31 'प्रीडेटर लॉन्ग-एंड्योरेंस' ड्रोन की खरीद और परमाणु ऊर्जा से संचालित 2 पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण संबंधी सौदे को मंजूरी दे दी गई। अधिकारियों के मुताबिक, एमक्यू-9बी हंटर किलर ड्रोन विदेशी सैन्य बिक्री माध्यम के तहत अमेरिकी की जनरल एटॉमिक्स से लगभग 3.1 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से खरीदे जाएंगे। उन्होंने बताया कि परमाणु ऊर्जा से संचालित दोनों पनडुब्बियों का निर्माण लगभग 40,000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले सीसीएस ने दोनों प्रमुख खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दी थी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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