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झूठे प्रचार, खाली पड़े हैं शस्त्रागार; भारत से तनाव के बीच पाकिस्तानी आर्मी की खुल गई पोल

पाकिस्तानी सेना के भीतर भी मनोबल गिरने की खबरें सामने आई हैं। एक वायरल लीक लेट में बड़ी संख्या में सेना से इस्तीफे की मांग की बात कही गई है। हलांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानFri, 2 May 2025 07:30 AM
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झूठे प्रचार, खाली पड़े हैं शस्त्रागार; भारत से तनाव के बीच पाकिस्तानी आर्मी की खुल गई पोल

जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खी बढ़ गई है। भारत ने सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर तेज और ठोस कदम उठाए हैं। वहीं, पाकिस्तान की प्रतिक्रिया सिर्फ परमाणु धमकियों, सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार और कूटनीतिक उलझनों तक सीमित रह गई है। पाकिस्तान की सेना पहले से ही रणनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ी हुई है। आर्थिक रूप से कमजोर और आंतरिक रूप से बंटी हुई है। किसी भी किस्म की सैन्य टकराव की स्थिति को संभालने की हालत में नहीं है। इसके बावजूद, वह सोशल मीडिया और कुछ घरेलू मीडिया प्लेटफार्मों के ज़रिए झूठी सैन्य तैयारियों का प्रचार कर रही है।

हाल ही में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का एलओसी पर फ्रंटलाइन निरीक्षण करने का वीडियो प्रसारित किया गया, जिसे सोशल मीडिया में 2022 का पुराना फुटेज बताकर खारिज कर दिया गया। भारत के रक्षा मंत्रालय ने इसे जानबूझकर किया गया दुष्प्रचार करार दिया। भारत ने कहा कि यह पाकिस्तान के भीतर घटते जनविश्वास को संभालने का प्रयास मात्र है।

29 अप्रैल को पाकिस्तान एयरफोर्स द्वारा जारी एक प्रचार वीडियो में रूस के S-400 मिसाइल सिस्टम, SpaceX के Falcon 9 रॉकेट और यहां तक कि Call of Duty वीडियो गेम के दृश्य दिखाए गए। इनमें से कोई भी पाकिस्तान के पास नहीं है। इस बेतुके प्रचार को जल्द ही एक्स पर लोगों ने निशाना बनाया और कमेंट्स सेक्शन को बंद करना पड़ा।

परमाणु हमले की गीदड़भभकी

पाकिस्तान के वरिष्ठ मंत्री एक तरफ परमाणु हमले की धमकी देते हैं, तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तटस्थ जांच की अपील करते हैं। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सीधे तौर पर पाकिस्तान की अस्तित्व पर खतरा होने पर परमाणु विकल्प अपनाने की धमकी दी, जबकि रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने जल विवाद को लेकर परमाणु धमकी जोड़ दी। वहीं, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत द्वारा संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका जताकर मध्यस्थता की अपील की। लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे प्रमुख देशों ने किसी भी प्रत्यक्ष हस्तक्षेप से इनकार करते हुए सिर्फ संयम की सलाह दी है।

पाकिस्तानी सेना का गिरता मनोबल

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के भीतर भी मनोबल गिरने की खबरें सामने आई हैं। एक वायरल लीक लेट में बड़ी संख्या में सेना से इस्तीफे की मांग की बात कही गई है। हलांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। आपको बता दें कि पाकिस्तान की तरफ से इसे खारिज भी नहीं किया गया है।

पाकिस्तान का सैन्य बजट

पाकिस्तान का सैन्य बजट महज 7.6 अरब डॉलर पर अटका हुआ है, जो भारत के मुकाबले नगण्य है। विशेषज्ञों के अनुसार, एलओसी पर पाकिस्तान की जबरन सैन्य तैनाती उसे प्रति दिन 15-30 लाख डॉलर खर्च करा रही है। यह उसके कमजोर विदेशी मुद्रा भंडार और चरमराती अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है।

भारत की सधी हुई रणनीति

भारत ने इस मामले पर ठोस और संयमित कदम उठाए हैं। वहीं पाकिस्तान का दुष्प्रचार, परमाणु धमकियां और अंदरूनी असंतोष उसकी स्थिति को लगातार कमजोर कर रहे हैं। दुनिया अब पाकिस्तान की "पहले तनाव पैदा करो, फिर मध्यस्थता मांगो" नीति को पहचान चुकी है और उसमें कोई गंभीरता नहीं देख रही।

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