मुइज्जू सरकार से नई डील- मालदीव के अधिकारियों को ट्रेनिंग देगा भारत
- गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत भारत 2024 से 2029 तक पांच साल में मालदीव के 175 सिविल सेवकों को ट्रेनिंग देगा।
भारत और मालदीव के बनते-बिगड़ते संबंधों के बीच दोनों देशों ने नए समझौते को व्यवहार में लाने की घोषणा की है। गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक भारत 2024 से 2029 तक पांच साल में मालदीव के 175 सिविल सेवकों को ट्रेनिंग देगा। नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) के महानिदेशक वी श्रीनिवास और मालदीव सिविल सर्विस कमीशन के अध्यक्ष मोहम्मद नसीह ने गुरुवार को भारत-मालदीव MoU के कार्यान्वयन अंतिम रूप देने के लिए एक द्विपक्षीय बैठक की। इस पर दोनों देशों ने 9 अगस्त को मालदीव की राजधानी माले में हस्ताक्षर किए गए थे।
गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एनसीजीजी ने मालदीव सिविल सर्विसेज(CSC) की जरूरतों के आधार पर मालदीव के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए खास योजना बनाने की मंजूरी दी है। बयान में कहा गया है, "CSC मालदीव ने खास विषयों में विशेष कार्यक्रमों के लिए अनुरोध किया है जिसके लिए एनसीजीजी जरूरत के हिसाब से मॉड्यूल डिजाइन करेगा। 2024-25 में कुल 175 सिविल सेवकों के लिए 5 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे"
1 हजार सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दे चुका है भारत
इससे पहले 2024 में NCGG ने 1 हजार सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य हासिल किया है। इस कार्यक्रम के लिए 2019 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) और मालदीव के सूचना आयोग कार्यालय (आईसीओएम) के लिए प्रशिक्षण भी शामिल था। भारत और मालदीव के बीच नई साझेदारी सार्वजनिक नीति और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में मालदीव के सिविल सेवकों की क्षमताओं को मजबूत करेगी। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होने के आसार हैं।