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कानून व्यवस्था सुधार लें नहीं तो रद्द कर देंगे प्रोजेक्ट; नितिन गडकरी ने भगवंत मान को दे दी वॉर्निंग

  • केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को पत्र लिखकर कहा है कि वह राज्य की कानून व्यवस्था सुधार लें नहीं तो आठ हाइवे प्रोजेक्ट रद्द करने पड़ेंगे। पहले भी भूमि अनुपलब्ध रहने की वजह से तीन प्रोजेक्ट रद्द किए जा चुके हैं।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानSat, 10 Aug 2024 12:04 PM
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केंद्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पत्र लिखकर पंजाब के मुख्यमंत्री को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। अगर इसे सुधारा नहीं जाता है तो NHAI आठ हाइवे प्रोजेक्ट रद्द कर रदेगा। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर हो रहीं हिंसक घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह चेतावनी भरा पत्र लिखा है। बता दें कि इन आठ प्रोजेक्ट की कुल लागत 14288 करोड़ है।

बता दें कि दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान कई जगहों पर काम रोकने के लिए हिंसक घटनाएं देखने को मिलीं। यह एक्सप्रेसवे राजधानी दिल्ली से माता वैष्णोदेवी कटरा तक बनाया जा रहा है। वहीं इसका एक हिस्सा अमृतसर तक भी जोड़ा जाना है। इंजीनियरों और कॉन्ट्रैक्टर्स पर हमले को लेकर नितिन गडकरी ने नाराजगी जाहिर की है। लुधियाना में भी एनएचएआई के अधिकारियों के धमकी दी गई है को वे इस प्रोजेक्ट में लगे स्टाफ को नुकसान पहुंचाएंगे।

नितिन गडकरी ने अपने पत्र में भूमि अधिग्रहण का भी मुद्दा उठाया है। इसके अलावा उन्होंने इस पत्र के साथ हमले की तस्वीरें भी सबूत के तौर पर भेजी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को दखल देने की जरूरत है। ऐसे में अनुरोध है कि कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए मजबूत कदम उठाए जाएं और एफआईआर दर्ज करके दोषियों के खिलाफ ऐक्शन लिया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े।

नितिन गडकरी ने एक महीने पहले राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की थी और आश्वासन दिया था कि कानून व्यवस्था और भूमि अधिग्रहण के मुद्दों को हल किया जाएगा। गडकरी ने कहा कि कानून व्यवस्था सुधारने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है बल्कि स्थिति और बदतर हो गई। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मुद्दे लंबित होने की वजह से कई जगहों पर ठेकेदारों को निशाना बनाया जाता है। अगर यही चलता रहा तो आठ हाइवे प्रोजेक्ट को रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। एनएचएआई ने पहले ही तीन राजमार्ग परियोजनाओं को भूमि उपलब्ध ना होने की वजह से रद्द कर दिया है।

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