अगर बहनों के लिए बोलना लालच है तो... विनेश फोगाट का साक्षी मलिक पर पलटवार
- साक्षी ने किताब में बताया कि जब बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू किया तो उनके विरोध प्रदर्शन में दरार आने लगी।
कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक के उस आरोप का जवाब दिया है जिसमें उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध को कमजोर करने का आरोप लगाया है। अपनी किताब "विटनेस" में ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने आरोप लगाया कि एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट लेने के विनेश और बजरंग पूनिया के फैसले से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनका प्रदर्शन कमजोर पड़ा। उन्होंने दावा किया कि उनके "करीबी लोगों" ने उनके दिमाग में "लालच" भर दिया, जिससे विरोध "स्वार्थी" लगने लगा।
हालांकि विनेश ने इन आरोपों को खारिज किया है। इसके जवाब में विनेश ने मंगलवार को कहा, "किस बात का लालच? आपको उनसे (साक्षी मलिक) पूछना चाहिए। अगर बहनों के लिए बोलना लालच है, तो मुझे भी यही लालच है और यह अच्छा है। अगर यही लालच है - देश का प्रतिनिधित्व करके ओलंपिक पदक लाना, तो यह अच्छा लालच है।"
विनेश फोगाट ने पीटीआई वीडियो से कहा, ‘‘यह उसकी निजी राय है। मैं इससे सहमत नहीं हूं। जब तक मैं कमजोर नहीं हूं, लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती। यह मेरा मानना है। जब तक साक्षी, विनेश और बजरंग जिंदा है, यह लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिन्हें जीतना है, उन्हें कभी कमजोर नहीं होना चाहिए। उन्हें हमेशा मैदान पर डटकर लड़ना चाहिए। इसके लिए कठोर होना और चुनौतियों का सामना करना जरूरी है। हम लड़ाई के लिए तैयार हैं।’’
साक्षी ने किताब में बताया कि जब बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू किया तो उनके विरोध प्रदर्शन में दरार आने लगी। इन तीनों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण पर अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और मामला दिल्ली की अदालत में चल रहा है।
डब्ल्यूएफआई के निलंबन के बाद तदर्थ समिति ने कुश्ती का कामकाज देखना शुरू किया जिसने बजरंग और विनेश को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी लेकिन साक्षी ने अपने साथियों के सुझाव के बावजूद ऐसा नहीं करने का फैसला किया। अंत में साक्षी एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले सकीं लेकिन विनेश खेलों से पहले चोटिल हो गईं और बजरंग पदक जीतने में असफल रहे।