सीनियर सिटीजन कैसे सोएंगे? दिलजीत दोसांझ के चंडीगढ़ शो पर लगाए गए कड़े प्रतिबंध, मिल गई हरी झंडी
- कोर्ट ने कहा कि जहां पर शो हो रहा है, वह रिहायशी इलाका है जहां बड़ी संख्या में सीनियर सिटीजन भी रहते हैं। शोर में वे कैसे सोएंगे। ऐसे में आवाज का डेसिबल लेवल बनाए रखें।
14 दिसंबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 34 ग्राउंड में होने वाले सिंगर एक्टर दिलजीत दोसांझ के शो पर रोक लगाने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर आज सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस शील नागु की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कड़े प्रतिबंधों के साथ दिलजीत दोसांझ के शो की इजाजत दे दी। इस दौरान चंडीगढ़ प्रशासन ने यातायात प्रबंधन और अन्य उपायों के बारे में बताया। प्रशासन ने बताया कि शो के लिए 2400 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर लगाए गए हैं।
कोर्ट ने कहा कि जहां पर शो हो रहा है, वह रिहायशी इलाका है जहां बड़ी संख्या में सीनियर सिटीजन भी रहते हैं। शोर में वे कैसे सोएंगे। ऐसे में आवाज का डेसिबल लेवल बनाए रखें। बेंच ने कहा कि आयोजन स्थल पर 75 डेसिबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए, अगर आयोजकों ने यह नियम तोड़ा तो अथॉरिटी उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए।
चंडीगढ़ प्रशासन ने बताया कि स्पीकर की आवाज तय है। आवाज का डेसिबल लेवल बनाए रखने के लिए नायस मॉनिटर भी लगाए जा सकते हैं। बेंच ने कहा कि यह आयोजन किसी स्टेडियम में होना चाहिए थी। इस तरह के शो के लिए भविष्य में सेक्टर-34 में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। भविष्य में ऐसे बड़े आयोजन आबादी से बाहर करवाए जाएं ताकि चण्डीगढ़ वासियों की जिंदगी इनसे प्रभावित न हो।
चंडीगढ़ निवासी ने याचिका दायर कर की थी शो पर रोक की मांग
चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में होने वाले पंजाबी सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ के कंसर्ट के विरोध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई थी। इसमें योजनाबद्ध यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण और अन्य सार्वजनिक सुरक्षा उपायों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने की मांग की गई। चंडीगढ़ निवासी रणजीत सिंह ने याचिका में मांग की है कि जब तक कि उक्त व्यवस्थाओं को लेकर पैदा हुई चिंताओं का निवारण नहीं हो जाता, तब तक चंडीगढ़ प्रशासन को इवैंट आयोजकों को सैक्टर-34 प्रदर्शनी मैदान में इस शो को आयोजित करने से रोकने के आदेश दिए जाएं।
याचिका में आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों से दूर बड़े पैमाने के आयोजनों के लिए वैकल्पिक स्थानों को तय करने का भी का आग्रह किया गया है। याचिका में प्रतिवादियों को सार्वजनिक आयोजनों के लिए अनुमति प्रदान करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश देकर यह सुनिश्चित किया जाए कि वे आवश्यक सेवाओं को बाधित नहीं करेंगे और नागरिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। याचिका में चंडीगढ़ प्रशासन, डी.जी.पी., नगर निगम, इवैंट कंपनियों को प्रतिवादी बनाया गया है।