राजधानी एक्सप्रेस की तुलना में कितनी शानदार है वंदे भारत स्लीपर ट्रेन? PHOTOS से जानें इसकी खासियतें
- रेल मंत्री ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है और उसके पश्चात इसे देश के विभिन्न रेल मार्गों पर संचालित किया जाएगा। वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को लंबे रेल रूट्स पर चलाया जाएगा।
Vande Bharata Sleeper Train: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का प्रोटोटाइप सामने आ चुका है। यह ट्रेन बहुत ही खास होने वाली है। इसे 15 नवंबर तक कमीशन होने की योजना है और इसे परीक्षण और ट्रायल के लिए लखनऊ RDSO भेजा जाएगा। वर्तमान में 78 वंदे भारत ट्रेनें देशभर में इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेनों के रूप में परिचालन कर रही हैं।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें राजधानी एक्सप्रेस की तरह यह पूरी तरह वातानुकूलित होगी। इसमें 16 स्लीपर कोच होंगे। इसे लंबी दूरी के लिए तैयार किया गया है। इसे 120 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। डिजाइन ICF के इंजीनियरों ने तैयार किया और रेक का निर्माण BEML ने किया है। इस रेक में 3AC के 11, 2AC के 4 और फर्स्ट-क्लास का एक कोच शामिल है। इस ट्रेन की कुल क्षमता 823 यात्रियों की है।
राजधानी एक्सप्रेस की तुलना में यह ट्रेन कितनी खास:
गति- वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 160 किमी/घंटा की गति तक पहुंच सकती है। राजधानी एक्सप्रेस की तुलना में यह जल्द ही अपनी रफ्तार पकड़ सकती है। इसके कारण यात्रियों के लिए यात्रा का समय कम लगेगा।
आरामदायक- वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में बेड्स को बेहतर कुशनिंग के साथ डिजाइन किया गया है। यह राजधानी में पाए जाने वाले बेड्स की तुलना में बेहतर है। इसके अलावा, हर बेड के साइड में बेहतर नींद की सुविधा के लिए अतिरिक्त कुशनिंग प्रदान की गई है।
अपर बर्थ- भारतीय रेलवे ने कहा है कि नए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को यात्रियों की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए डिजाइन किया गया है। राजधानी की तुलना में अपर बर्थ तक जाने के लिए आसान सीढ़ी बनाई गई है।
ऑटोमेटिक ट्रेन- वंदे भारत स्लीपर एक ऑटोमेटिक ट्रेन है। इसके दोनों सिरों पर ड्राइवर का केबिन है। इससे ट्रेन को खींचने के लिए लोकोमोटिव की आवश्यकता नहीं होती है। राजधानी एक्सप्रेस में लोकोमोटिव की जरूरत होती है। इस डिजाइन के कारण अंतिम स्टेशनों पर टर्नअराउंड समय कम होता है। इससे दक्षता बढ़ती है।
ऑटोमेटिक दरवाजे- वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में यात्रियों के लिए स्वचालित प्रवेश और निकास दरवाजे होंगे। इसे ड्राइवर द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कोचों के बीच स्वचालित इंटरकनेक्टिंग दरवाजे भी होंगे, जो यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को और बढ़ाएंगे।
टॉयलेट- वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में बायो-वैक्यूम टॉयलेट सिस्टम है। इसमें मॉड्यूलर टच-फ्री फिटिंग्स हैं। फर्स्ट एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए शावर क्यूबिकल तक की सुविधा होगी।
बिना झटके की यात्रा- रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में यात्रियों को झटके-मुक्त और सुगम यात्रा अनुभव मिलेगा। राजधानी ट्रेनों की तुलना में यह अनुभव बेहतर होगा।
अन्य विशेषताएं-
- कवच ट्रेन टकराव बचाव प्रणाली
- यात्री से ड्राइवर के केबिन तक आपातकालीन टॉक बैक यूनिट
- GPS आधारित LED डिस्प्ले
- चार्जिंग सॉकेट के साथ विशाल सामान रखने का स्थान
- विस्फोट-रोधी लिथियम-आयन बैटरी
- सतर्कता नियंत्रण उपकरण और घटना रिकॉर्डर
- ओवरहेड लाइन पावर फेल होने पर 3 घंटे का आपातकालीन बैकअप