गौतम अडानी की जगन मोहन रेड्डी से भी हुई थी मुलाकात, 1750 करोड़ रिश्वत का है आरोप
- गौतम अडानी पर आरोप हैं कि उन्होंने सौर परियोजनाओं के ठेके हासिल करने लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत दी और यह बात उन्होंने अमेरिकी निवेशकों से छिपाई।
संयुक्त राज्य अमेरिका की लीगल एजेंसी ने आरोप लगाया है कि उद्योगपति गौतम अडानी ने 2021 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात की थी और इस मुलाकात में उन्होंने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सरकारी कंपनी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से सौर ऊर्जा खरीदने के बदले में 1,750 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का वादा किया था।
अमेरिकी एजेंसी के अनुसार, अडानी समूह ने राज्य सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए यह राशि निर्धारित की थी ताकि SECI के माध्यम से बड़े सौर ऊर्जा के ठेके हासिल किए जा सकें। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया और किसी भी प्रकार की अनियमितता को नकारा है।
आपको बता दें कि अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से ‘झूठे और भ्रामक’ बयानों के आधार पर धन प्राप्त करने की अरबों डॉलर की योजना में उनकी कथित भूमिका के लिए अमेरिका की अदालत में आरोप लगाए गए हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफ़िस, ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ़ न्यूयॉर्क के अनुसार, रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आपराधिक आरोप ब्रुकलिन की एक संघीय अदालत में लगाया गया है।
अभियोग में आरोप लगाया गया है, लगभग 2020 और 2024 के बीच, प्रतिवादियों ने भारत सरकार के साथ आकर्षक सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध प्राप्त करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने पर सहमति व्यक्त की, जिससे लगभग 20 साल की अवधि में कर के बाद 2 अरब डॉलर से अधिक का मुनाफा होने का अनुमान था।
अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार, अभियोग भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने, अरबों डॉलर जुटाने के लिए निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलने और न्याय में बाधा डालने की इन कथित योजनाओं के संबंध में था।
न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी कार्यालय की ओर से जारी मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘कई मौकों पर गौतम एस अदानी ने रिश्वतखोरी योजना को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार के अधिकारी से मुलाकात की और प्रतिवादियों ने इसके क्रियान्वयन के पहलुओं पर चर्चा करने के लिए एक-दूसरे के साथ व्यक्तिगत बैठकें कीं। प्रतिवादियों ने रिश्वतखोरी योजना को आगे बढ़ाने के अपने प्रयासों पर अक्सर चर्चा की, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक मैसेजिंग एप्लिकेशन के माध्यम से भी चर्चा की गई।
न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ब्रायन पीस ने कहा, “जैसा कि आरोप लगाया गया है, प्रतिवादियों ने अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने की एक विस्तृत योजना बनाई और गौतम एस अदानी, सागर आर अदानी और विनीत एस जैन ने रिश्वतखोरी योजना के बारे में झूठ बोला क्योंकि वे अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से पूंजी जुटाने की कोशिश कर रहे थे।”
भ्रष्टाचार के आरोपों की घोषणा के बाद श्री पीस ने आगे कहा, “ मेरा कार्यालय अंतरराष्ट्रीय बाजार में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और निवेशकों को उन लोगों से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है जो हमारे वित्तीय बाजारों की अखंडता की कीमत पर खुद को समृद्ध करना चाहते हैं।”
न्याय विभाग के आपराधिक प्रभाग की उप सहायक अटॉर्नी जनरल लिसा एच. मिलर ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “ये अपराध कथित तौर पर वरिष्ठ अधिकारियों और निदेशकों द्वारा भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के माध्यम से अमेरिकी निवेशकों की कीमत पर बड़े पैमाने पर सरकारी ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध प्राप्त करने और वित्तपोषित करने के लिए किए गए थे। आपराधिक प्रभाग भ्रष्ट, भ्रामक और बाधा उत्पन्न करने वाले आचरण पर आक्रामक रूप से मुकदमा चलाना जारी रखेगा जो अमेरिकी कानून का उल्लंघन करता है, चाहे वह दुनिया में कहीं भी हो।”
अभियोग में गौतम अडानी, सागर अडानी और अडानी समूह के अन्य अधिकारियों पर झूठे और भ्रामक बयानों के आधार पर धन प्राप्त करने की अरबों डॉलर की योजना में उनकी भूमिका के लिए प्रतिभूति और वायर धोखाधड़ी करने की साजिश और महत्वपूर्ण प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। गौतम अडानी के नेतृत्व में, अडानी समूह बुनियादी ढांचे, हरित ऊर्जा, एफएमसीजी, खनन और रसद में रुचि रखने वाले देश के शीर्ष व्यावसायिक समूहों में से एक के रूप में उभरा है।