तालिबानी रक्षा मंत्री से मिले विदेश सचिव, क्रिकेट और चाबहार पर आए साथ; तय है पाकिस्तान की बौखलाहट
- विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब मुत्तकी के बीच हुई इस मुलाकात में मानवीय सहायता, चाबहार बंदरगाह के जरिए व्यापार बढ़ाने और अफगानिस्तान में स्वास्थ्य और शरणार्थी पुनर्वास जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
दुबई में हुई भारत और तालिबान के बीच अहम बातचीत ने क्षेत्रीय कूटनीति को नया मोड़ दे दिया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब मुत्तकी के बीच हुई इस मुलाकात में मानवीय सहायता, चाबहार बंदरगाह के जरिए व्यापार बढ़ाने और अफगानिस्तान में स्वास्थ्य और शरणार्थी पुनर्वास जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने क्रिकेट में सहयोग और विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत के इस कदम ने अफगानिस्तान में उसकी मजबूत मौजूदगी को और पुख्ता किया है, जिससे पाकिस्तान में बौखलाहट तय है।
दुबई में हुई मुलाकात
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दुबई में बुधवार को अफगानिस्तान के तालिबानी सरकार के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब मुत्तकी से मुलाकात की। इस बैठक की तस्वीरें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा कीं। तस्वीरों में दोनों पक्षों के अधिकारी भी बातचीत के दौरान मौजूद नजर आए। विदेश मंत्रालय ने इस बैठक को अफगानिस्तान के लिए भारत की मानवीय सहायता, द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा का एक अहम कदम बताया। भारत ने अफगान लोगों को मानवीय और विकास सहायता जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। साथ ही, चाबहार बंदरगाह के माध्यम से व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने पर सहमति बनी।
रंधीर जायसवाल ने बताया कि भारत ने अफगानिस्तान में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने और शरणार्थियों के पुनर्वास में सहयोग देने का आश्वासन दिया। अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं के लिए भी भारत ने अपनी रुचि जताई। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मुत्तकी ने भारतीय नेतृत्व को अफगान लोगों के साथ जुड़ाव बनाए रखने और समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। अफगानिस्तान की मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, भारत ने आने वाले समय में विकास परियोजनाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने का फैसला किया।
क्रिकेट और चाबहार बंदरगाह का सहयोग
दोनों पक्षों ने अफगान युवाओं के बीच लोकप्रिय क्रिकेट को लेकर सहयोग बढ़ाने की सहमति दी। इसके अलावा, चाबहार बंदरगाह के उपयोग को व्यापार, व्यवसाय और मानवीय सहायता के लिए बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई। बैठक के दौरान, अफगानिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर चिंताएं बनी रहीं। भारत ने पहले भी तालिबान द्वारा महिलाओं की शिक्षा और रोजगार पर लगाए गए प्रतिबंधों की निंदा की है।
भारत की दोस्ती से तिलमिला उठेगा पाक
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब भारत ने पाकिस्तान के अफगानिस्तान में हवाई हमलों की कड़ी आलोचना की थी, जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए। पाकिस्तान और तालिबान के रिश्तों में तनाव बढ़ रहा है। पाकिस्तान ने तालिबान पर आतंकवादी संगठनों को शरण देने का आरोप लगाया है, जो उसके खिलाफ हमले कर रहे हैं। भारत द्वारा अफगानिस्तान के साथ इस प्रकार के सकारात्मक जुड़ाव ने पाकिस्तान की समस्याओं को और बढ़ा दिया है। इन नजदीकियों को देख पाकिस्तान जरूर तिलमिला उठेगा।