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पहला बोडोलैंड महोत्सव हुआ संपन्न, पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया खास संदेश

  • बोडोलैंड महोत्सव का बुधवार को समापन हो गया। इस कार्यक्रम का उद्धाटन पीएम मोदी ने 15 नवंबर को केडी जाधव रेसलिंग स्टेडियम में किया था।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 20 Nov 2024 10:09 PM
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बोडोलैंड महोत्सव का बुधवार को समापन हो गया। इस कार्यक्रम का उद्धाटन पीएम मोदी ने 15 नवंबर को केडी जाधव रेसलिंग स्टेडियम में किया था। पहली बार हुए इस ऐतिहासिक आयोजन के दौरान बोडो समुदाय की संस्कृति, शिक्षा, भाषा, साहित्य, पर्यटन समेत विभिन्न चीजों की झलक देखने को मिली। उद्धाटन भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहाकि आप कल्पना नहीं कर सकते कि यह आयोजन मेरे लिए कितना भावपूर्ण है। उन्होंने कहाकि दिल्ली में एसी कमरों में बैठकर बातें करने वाले इस कार्यक्रम की महत्ता का अंदाजा भी नहीं लगा सकते।

पीएम मोदी ने कहाकि तीन-चार पीढ़ियों के 50 साल के खूनी संघर्ष और हिंसा के बाद ऐसा अवसर आया है। उन्होंने कहाकि मुझे नहीं लगता कि दिल्ली में बैठे लोग इस कार्यक्रम के महत्व का अंदाजा लगा पाएंगे। यह उपलब्धि रातो-रात नहीं आई है। आज आप सभी ने इतिहास में एक नया अध्याय रचने में योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि मैं देश के युवाओं खासकर जो अब तक हिंसा के रास्ते पर चल रहे हैं, से आग्रह करता हूं कि वे मेरे बोडो दोस्तों से सीख लें। बंदूक छोड़ दो, हिंसा और हथियारों का रास्ता कभी भी सच्चे परिणाम की ओर नहीं ले जाता है। बोडो समुदाय द्वारा दिखाया गया मार्ग वह है जो स्थायी परिणाम लाता है।

एबीएसयू के अध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजकों में से एक श्री दीपेन बोरो ने कहा कि पहला बोडोलैंड मोहोत्सोव शांति और संस्कृति, भाषा, शिक्षा और साहित्य का त्योहार है। यह आशा और प्रकाश का त्योहार है, विकास और प्रगति का त्योहार है। इस महोत्सव का उद्देश्य बोडो भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक विरासत को भारतीय पहचान देना और इसे दुनिया के सामने ले जाना है। आज बोडो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में स्वीकार कर लिया गया है। श्री दीपेन बोडो ने बोडो समुदाय के प्रति प्रधानमंत्री मोदी के प्रेम और प्रतिबद्धता की सराहना की।

उन्होंने कहाकि 27 जनवरी 2020 को बोडो आंदोलनकारी के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के बाद पहली बार सभी बोडो समुदायों और बीटीआर के हर वर्ग के लोगों को गर्व के साथ जीने का साहस मिला है। और आज हमें देश की राजधानी में बोडोलैंड महोत्सव मनाने का सौभाग्य मिला है।

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