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जोरावर की दहाड़ से थर्राएगा चीन, LAC पर नहीं है अब दुश्मन की खैर

  • राजस्थान के जोधपुर में हल्के टैंक 'जोरावर' का सफलतापूर्वक शुरुआती ऑटोमोटिव परीक्षण पूरा किया है। यह टैंक विशेष रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्रों में तैनाती के लिए तैयार किया जा रहा है, जहां चीन ने हल्के टैंकों की तैनाती की है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 14 Sep 2024 05:15 PM
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भारत ने चीनी सेनाओं के खिलाफ ऊंचाई वाले इलाकों में प्रभावी मुकाबला करने के लिए राजस्थान के जोधपुर में हल्के टैंक 'जोरावर' का सफलतापूर्वक शुरुआती ऑटोमोटिव परीक्षण पूरा किया है। यह टैंक विशेष रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्रों में तैनाती के लिए तैयार किया जा रहा है, जहां चीन ने हल्के टैंकों की तैनाती की है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस टैंक ने असाधारण प्रदर्शन किया और रेगिस्तानी इलाकों में निर्धारित किए गए टास्क को कुशलतापूर्वक पूरा किया। डीआरडीओ और एलएंडटी डिफेंस ने मिलकर 25 टन वजन के हल्के टैंक को विकसित किया है, जिन्हें मुख्य रूप से त्वरित तैनाती के लिए तैयार किया गया है।

पहले इस तरह के टैंकों को विकसित करने के लिए जर्मनी से बातचीत चल रही थी, लेकिन जर्मन कंपनी इंजन की आपूर्ति में समय पर प्रतिबद्ध नहीं हो सकी। इस देरी के कारण अमेरिकी कंपनियों से जुड़ने का निर्णय लिया गया और अमेरिकी कंपनी कमिंस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया।

सेना को 350 से अधिक टैंकों की है जरूरत

भारतीय सेना के अनुसार, लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए 350 से अधिक हल्के टैंकों की आवश्यकता है। इनमें से एलएंडटी-डीआरडीओ 59 टैंकों का निर्माण करेगी, जबकि बाकी टैंकों का उत्पादन अन्य भारतीय कंपनियों द्वारा बोली प्रक्रिया के बाद किया जाएगा। भारतीय लाइट टैंक की विकास योजना को प्रोजेक्ट जोरावर नाम दिया गया है। जिसके जरिए हालिया टैंक का निर्माण और परीक्षण किया गया। इसमें एआई इंटीग्रेटेड, ड्रोन युद्ध क्षमताएं और सक्रिय सुरक्षा प्रणाली जैसी आधुनिक विशेषताएं शामिल की गई हैं।

ये हल्के टैंक उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों और द्वीप क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगे और तेजी से तैनाती के लिए हवाई-परिवहन योग्य होंगे। भारतीय सेना ने हल्के और फुर्तीले प्लेटफॉर्म की आवश्यकता पर जोर दिया है, जो पर्याप्त मारक क्षमता, सुरक्षा, निगरानी और संचार क्षमताओं से लैस होंगे।

एलएसी पर तैनाती की योजना

हल्के टैंकों की आवश्यकता चीन की पूर्वी लद्दाख में विवादित क्षेत्रों में भारी टैंकों और सैनिकों की तैनाती के बाद महसूस की गई। अप्रैल 2020 में चीन ने एलएसी पर नए हल्के टैंकों की तैनाती की, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने टी-72 और टी-90 जैसे भारी टैंक तैनात किए थे। अब हल्के टैंक की तैनाती से भारतीय सेना अपनी सीमाओं की निगरानी और सुरक्षा को बेहतर तरीके से सक्षम होगी।

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