परजीवी बन गई कांग्रेस, अपनी ही नहीं, साथियों की भी नाव डूबो देती है- PM मोदी
- पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई यह है कि कांग्रेस एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। वह सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों के नाव को भी डुबो देती है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की बंपर जीत और यूपी विधानसभा उपचुनावों में बीजेपी की धमाकेदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर वार किया। पीएम मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए टेम्परेरी रूप से वीर सावरकर को गाली देना बंद किया है। कांग्रेस अब भारतीय राजनीति में परजीवी बनकर रह गई है, जो अपने साथियों की भी नाव डुबो देती है। कांग्रेस का अब अपने दम पर सरकार बनाना मुश्किल हो गया है। वहीं, यूपी के उपचुनावों में सपा द्वारा एक भी सीट न दिए जाने पर पीएम मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि अच्छा है कि यूपी जैसे राज्य में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वरना उसके सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते। मालूम हो कि यूपी उपचुनाव की सभी 9 सीटों पर सपा ने चुनाव लड़ा था। इंडिया गठबंधन के तहत बने अलायंस में सपा ने कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी थी। हालांकि, खैर सीट पर कांग्रेस नेता चारू कैन को जरूर मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें भी अपने ही सिंबल पर लड़वाया।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई यह है कि कांग्रेस एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। वह सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों के नाव को भी डुबो देती है। महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। वहां पर कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर पांच में से चार सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 फीसदी से भी नीचे है। यह दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डूबोती है। महाराष्ट्र में अब सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी। उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों वालों को भी मिली। वह तो अच्छा है कि यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वरना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने हिंदू संस्कार और परंपराओं को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तभी देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में डिबेट की थी, उसमें भी इस पर चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्युलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह कर दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वह संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है।
'जाते-जाते संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दीं'
पीएम मोदी ने कहा कि दशकों तक कांग्रेस ने यही खेल खेला। उसने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग चौंक जाएंगे, हालात यह थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब अंबेडकर ने जो हमें संविधान दिया है, उसमें वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है, लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फबोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी, ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बन सके। सच्ची पंथनिरपेक्षता को एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।
'एक समय था जब कांग्रेस के नेता जाति के खिलाफ बोलते थे'
प्रधानमंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ताभूख इतनी हो गई है कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया। एक समय था जब कांग्रेस के नेता जाति के खिलाफ बोलते थे, जनता को समझाते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और उसका परिवार खुद की सत्ताभूख को शांत करने के लिए जाति का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला घोंट दिया है। एक परिवार की सत्ताभूख इतने चरम पर है कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई जमानों के कांग्रेस कार्यकर्ता हैं। पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने जमाने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं।