चुनाव दर चुनाव बेबुनियाद आरोप लगाने से बचे कांग्रेस, आयोग ने लताड़ा; सलाह भी दी
- साथ ही, पत्र में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग कांग्रेस से आग्रह करता है कि वह अपने दृष्टिकोण में बदलाव करने के लिए पार्टी की लंबी और शानदार रुतबे के अनुरूप ठोस कदम उठाए।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा लगाए गए अनियमितताओं के आरोपों को “बेबुनियाद, आधारहीन और तथ्यों से परे” करार दिया है। आयोग ने कांग्रेस पार्टी को चेतावनी देते हुए कहा कि वह चुनाव दर चुनाव ऐसे “बेबुनियाद आरोप” लगाने से बचे। आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में आयोग ने चेतावनी दी कि मतदान या मतगणना के निकट इस तरह के “झूठे नैरेटिव्स” से स्थिति में अस्थिरता पैदा हो सकती है।
आयोग ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता के बारे में उसी तरह का संदेह पैदा कर रही है, जैसा उसने अतीत में किया था। पत्र में आयोग ने कहा, ‘‘किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल से इस तरह की उम्मीद नहीं की जाती है। आयोग देश में चुनावी लोकतंत्र को बनाए रखने और मजबूत करने में राजनीतिक दलों के सुविचारित नजरिए की गंभीरता से सराहना करता है और आश्वासन देता है कि वह समय पर शिकायत निवारण के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।’’
आयोग ने कहा कि ‘‘एक बार फिर’’ उसे उसका उल्लेख करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि किसी भी वैधानिक चुनावी कदम से समझौता किए जाने का ‘‘कोई सबूत नहीं’’ होने के बावजूद कांग्रेस चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता के बारे में उसी तरह का संदेह पैदा कर रही है, जैसा उसने अतीत में किया था।
साथ ही, पत्र में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग कांग्रेस से आग्रह करता है कि वह अपने दृष्टिकोण में बदलाव करने के लिए पार्टी की लंबी और शानदार रुतबे के अनुरूप ठोस कदम उठाए। आयोग ने कहा कि इस तरह के ‘‘तुच्छ और निराधार’’ संदेह उस स्थिति में परेशानी पैदा करने की क्षमता रखते हैं, जब मतदान और मतगणना जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया जारी होती है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि 8 अक्टूबर को मतगणना के दिन हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनावों में मतगणना की प्रक्रिया धीमी रही। कांग्रेस ने यह भी स्पष्टता मांगी कि कुछ मतदान केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के नियंत्रण इकाई पर 99% बैटरी की स्थिति क्यों दिखाई गई थी। यह स्थिति हरियाणा के 26 विधानसभा क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर देखी गई थी।
चुनाव आयोग ने पिछले एक वर्ष के उदाहरणों का हवाला देते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने भारतीय चुनाव प्रक्रिया के महत्वपूर्ण पहलुओं पर बार-बार निराधार संदेह जताया है। आयोग ने कहा कि इस तरह के “बेवजह” और “अधारहीन संदेह” चुनाव प्रक्रिया के अहम समय, जैसे मतदान और मतगणना के समय, में अस्थिरता उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं। आयोग ने यह भी कहा कि वह समय पर शिकायतों के समाधान के प्रति प्रतिबद्ध है। चुनाव आयोग ने अपने पत्र के अंत में लिखा कि राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के विचार लोकतंत्र की मजबूती में सहायक होते हैं, परंतु कांग्रेस का ऐसा रवैया “राष्ट्रीय दल के रूप में उससे अपेक्षित नहीं है।”