132 लाख करोड़ की जमीन का ड्रोन सर्वे पूरा, PM मोदी बांटेंगे स्वामित्व कार्ड; जानें इसके फायदे
- अब तक के इस सर्वे में लगभग 3.17 लाख गांवों को कवर किया जा चुका है। यह सरकार के लक्ष्य का 92 प्रतिशत है। सरकार का लक्ष्य 2026 तक 3.44 लाख से अधिक गांवों का सर्वेक्षण पूरा करना है।
केंद्र सरकार ने अपने SVAMITVA कार्यक्रम के तहत ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 67,000 वर्ग किमी ग्रामीण जमीन का सर्वेक्षण पूरा कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसकी अनुमानित कीमत 132 लाख करोड़ रुपये है। यह जानकारी केंद्र सरकार के पंचायती राज विभाग ने दी है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण भूमि प्रबंधन और स्वामित्व में सुधार करना है। ड्रोन तकनीक की सहायता से यह सर्वेक्षण बेहद उच्च सटीकता के साथ किया गया है। इसमें 5 सेंटीमीटर तक की सटीकता प्राप्त की गई है।
अब तक के इस सर्वे में लगभग 3.17 लाख गांवों को कवर किया जा चुका है। यह सरकार के लक्ष्य का 92 प्रतिशत है। सरकार का लक्ष्य 2026 तक 3.44 लाख से अधिक गांवों का सर्वेक्षण पूरा करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 राज्यों के 65 लाख भूमि मालिकों को संपत्ति कार्ड वितरित करने से ठीक एक दिन पहले यह विकास ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। संपत्ति कार्ड वितरण का कार्यक्रम पहले 26 दिसंबर को आयोजित किया जाना था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
SVAMITVA कार्यक्रम की शुरुआत अप्रैल 2020 में हुई थी। पीएम मोदी ने अक्टूबर 2020 में इस योजना के तहत पहले संपत्ति कार्ड वितरित किए थे। तब से 31 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस योजना में शामिल हो चुके हैं। हालांकि, तेलंगाना, तमिलनाडु और सिक्किम ने केवल पायलट चरण के दौरान इसमें भाग लिया। तेलंगाना और बिहार ने अपनी स्वतंत्र पहलों की शुरुआत की है।
स्वामित्व कार्ड के क्या हैं लाभ
इस योजना के तहत संपत्ति कार्ड जारी करने से ग्रामीण भूमि मालिकों को कई लाभ मिलेंगे। यह कार्ड भूमि मालिकों के लिए आधिकारिक दस्तावेज के रूप में कार्य करेंगे, जिससे वे अपनी भूमि को बैंक ऋण के लिए संपत्ति के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे। किसानों तथा जमीन मालिकों के लिए वित्तीय अवसरों का द्वार खोलेंगे।
इसके अलावा इस पहल से लंबे समय से चल रहे भूमि विवादों को सुलझाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि यह भूमि की सीमाओं और स्वामित्व अधिकारों की स्पष्ट पहचान प्रदान करेगा।
इस योजना का ग्रामीण विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होने की संभावना है। पंचायतें भूमि उपलब्धता पर स्पष्टता प्राप्त करेंगी, जिससे वे आवश्यक अवसंरचना जैसे सामुदायिक हॉल और पंचायत भवन बनाने के लिए भूमि का पट्टा देने में सक्षम होंगी।