डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल में एडमिट हुई महिला, ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने पेट में छोड़ दी बैंडेज
- कर्नाटक के निजी अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक शख्स का आरोप है कि उसकी पत्नी की सिजेरियन डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों ने पेट में बैंडेज छोड़ दिया।
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कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई। यहां ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने एक महिला के पेट में बैंडेज की पट्टी छोड़ दी। यह घटना तब सामने आई जब महिला के पति ने सोशल मीडिया पर न्याय की मांग करते हुए इस चिकित्सा लापरवाही के बारे में जानकारी दी। महिला पिछले साल नवंबर महीने में डिलीवरी के लिए भर्ती हुई थी। डॉक्टरों ने उसका सिजेरियन ऑपरेशन किया और यह लापरवाही को अंजाम दिया। ऑपरेशन के कुछ हफ्तों बाद महिला को गंभीर समस्याएं शुरू हो गईं थी।
यह घटना 21 फरवरी को गगनदीप बी द्वारा एक्स पर किए गए एक पोस्ट के बाद चर्चा में आई। जिसमें उन्होंने इस चिकित्सा लापरवाही के बारे में विस्तार से बताया। गगनदीप के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी पत्नी का सिजेरियन ऑपरेशन किया और ऑपरेशन के बाद पेट में बैंडेज की पट्टी छोड़ दी। यह घटना पिछले साल नवंबर में हुई थी और इसका पता कुछ हफ्तों बाद तब चला जब महिला को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने लगीं।
गगनदीप ने बताया कि उनकी पत्नी 27 नवंबर 2024 को निजी अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती हुई थीं। इस दौरान डॉ. अनिल एस सहित तीन डॉक्टरों की टीम ने सिजेरियन ऑपरेशन किया और महिला को 2 दिसंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। लेकिन घर लौटने के कुछ दिनों बाद ही महिला को लगातार पेट में दर्द, बुखार और बाद में शरीर के अंगों में भी असहजता महसूस होने लगी।
महिला की बिगड़ती हालत को देखते हुए गगनदीप ने वही डॉक्टरों से परामर्श लिया जिन्होंने ऑपरेशन किया था। डॉक्टरों ने महिला को पेट का स्कैन कराने की सलाह दी। स्कैन में यह पता चला कि ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में बैंडेज की पट्टी छोड़ दी गई थी। यह गंभीर गलती समझते हुए गगनदीप ने तुरंत अपनी पत्नी को एक दूसरे अस्पताल में ले जाकर पुनः सर्जरी करवाई, जिसमें बैंडेज की पट्टी निकाली गई। महिला को बाद में अस्पताल से छुट्टी मिल गई और अब वह ठीक हो रही हैं।
न्याय की मांग कर रहा गगनदीप
22 फरवरी को गगनदीप ने एक और पोस्ट में डॉ. अनिल एस के खिलाफ चिकित्सा लापरवाही का मामला दर्ज कराने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “मां और बच्चे को मां के दूध के बिना भारी कष्ट हुआ, उसकी जान संकट में थी और अब भी इलाज चल रहा है। कृपया मेरी शिकायत पर विचार करें और हमें न्याय दिलवाएं।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि उनकी पत्नी की स्वास्थ्य समस्याओं और भविष्य में क्या होगा। उन्होंने लिखा, “बच्चे ने क्या अपराध किया था? जबकि समस्या पहले के यूएसजी रिपोर्ट में स्पष्ट थी, उसे नजरअंदाज किया गया, जिसके कारण मेरी पत्नी को गंभीर कष्ट हुआ। हमें न्याय मिलना चाहिए।”