Hindi Newsदेश न्यूज़Dispute over long beards of Jammu and Kashmir students in government college resolved

गंदे कपड़े लंबी दाढ़ी; जम्मू और कश्मीर के छात्रों को लेकर कर्नाटक के कॉलेज में बवाल, क्या है मामला

  • छात्र संघ ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दावा किया कि कॉलेज प्रशासन कश्मीरी छात्रों को कॉलेज की गतिविधियों में भाग लेने या परिसर में प्रवेश करने से पहले अपनी दाढ़ी को बेहद छोटा करने या इन्हें कटवाने के लिए मजबूर कर रहा है।

Nisarg Dixit Mon, 11 Nov 2024 05:41 AM
share Share

कर्नाटक के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाले जम्मू-कश्मीर के छात्रों की लंबी दाढ़ी को लेकर उपजे विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझ लिया गया है। संस्थान के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। यह मुद्दा तब प्रकाश में आया जब जम्मू एवं कश्मीर छात्र संघ ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को हासन जिले के होलेनरसिपुरा स्थित कॉलेज में छात्रों के सामने आ रही ‘महत्वपूर्ण चुनौतियों’ के बारे में पत्र लिखा।

हासन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के निदेशक डॉ. राजन्ना ने कहा कि छात्रों द्वारा कॉलेज प्रबंधन के निर्देशों का पालन करने पर सहमति जताने के बाद मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझ गया।

नर्सिंग कॉलेज में करीब 40 कश्मीरी छात्र हैं, जिन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें ‘महत्वपूर्ण चुनौतियों’ का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने श्रीनगर स्थित जम्मू एवं कश्मीर छात्र संघ को अपनी चिंताओं से अवगत कराया।

छात्र संघ ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दावा किया कि कॉलेज प्रशासन कश्मीरी छात्रों को कॉलेज की गतिविधियों में भाग लेने या परिसर में प्रवेश करने से पहले अपनी दाढ़ी को बेहद छोटा करने या इन्हें कटवाने के लिए मजबूर कर रहा है।

इसमें कहा गया कि जिन छात्रों की दाढ़ी है, उन्हें ​​​​ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित बताया जा रहा है, जिससे उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड और हाजिरी प्रभावित हो रही है। छात्र संघ ने कॉलेज के इस आदेश को छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया।

हालांकि, डॉ. राजन्ना ने आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘इन छात्रों ने गंदे कपड़े पहनने और लंबी दाढ़ी रखने के निर्देश को गलत समझा है। क्लीनिकल प्रक्रिया के दौरान उन्हें अपने कपड़े साफ रखने और दाढ़ी को छोटा करने का निर्देश दिया गया था।’

राजन्ना ने कहा कि जब उन्हें इस मुद्दे के बारे में पता चला, तो उन्होंने छात्रों से चर्चा की, जो बाद में साफ-सुथरे कपड़े पहनकर आने, समय पर आने और छोटी दाढ़ी रखने के लिए सहमत हुए। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अब सुलझ गया है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें