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दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट में शराब परोसने पर लगी रोक, पुणे वाले शो से पहले बड़ा फैसला

  • भाजपा विधायक पाटिल ने कोथरुड के काकाडे फार्म में होने वाले संगीत कॉन्सर्ट पर आपत्ति जताई है। उन्होंने एक बयान में कहा है, 'ऐसे शो शहर की संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं। इससे क्षेत्र के निवासियों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी होगी।'

Niteesh Kumar भाषाMon, 25 Nov 2024 08:02 AM
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महाराष्ट्र आबकारी विभाग ने पुणे के कोथरुड इलाके में अभिनेता-गायक दिलजीत दोसांझ के म्यूजिक कॉन्सर्ट को लेकर बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने इस कार्यक्रम में शराब परोसने का परमिट रविवार को रद्द कर दिया। कोथरुड के नवनिर्वाचित भाजपा विधायक चंद्रकांत पाटिल सहित विभिन्न वर्गों के लोगों ने रविवार शाम होने वाले कंसर्ट में शराब परोसने की योजना पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद विभाग ने परमिट रद्द करने का फैसला लिया।

महाराष्ट्र के आबकारी आयुक्त सी राजपूत ने कहा, 'राज्य आबकारी विभाग ने कॉन्सर्ट के दौरान शराब परोसने की अनुमति रद्द कर दी है।' भाजपा विधायक पाटिल ने कोथरुड के काकाडे फार्म में होने वाले संगीत कॉन्सर्ट पर आपत्ति जताई है। उन्होंने एक बयान में कहा है, ‘ऐसे शो शहर की संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं। इससे क्षेत्र के निवासियों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी होगी। आयोजन से यातायात जाम भी होगा। इसलिए, मैंने शहर के पुलिस आयुक्त से कार्यक्रम रद्द करने का आग्रह किया है।’

मैदान में कांच की बोतलें, बीयर के कैन और अन्य कचरा फैला

दूसरी ओर, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पिछले महीने दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के बाद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में फैली गंदगी का संज्ञान लिया है। इसके तहत, स्टेडियम के रनिंग ट्रैक पर से कचरा हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया है। एनजीटी ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा, 'यह मामला ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन की ओर इशारा करता है।'

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने 19 नवंबर को पारित आदेश में कहा, 'कंसर्ट के बाद स्टेडियम के मैदान में टूटी हुई कांच की बोतलें, बीयर के कैन, प्लास्टिक के रैपर और अन्य कचरा फैला हुआ था। गंदगी का आलम यह था कि खिलाड़ियों ने स्टेडियम को साफ करने की कोशिश की, लेकिन बड़ी मात्रा में कचरा फैला होने के कारण उनके प्रयास व्यर्थ साबित हुए।' पीठ में विशेषज्ञ सदस्य सेंथिल वेल भी शामिल थे। उसने कहा कि कंसर्ट के बाद स्टेडियम का ‘रनिंग ट्रैक’ लगभग 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया था, जिससे एथलीट के प्रशिक्षण में बाधा पैदा हुई और उन्हें मुख्य स्टेडियम के बाहर कम गुणवत्ता वाले ट्रैक पर अभ्यास करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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