12 घंटे में दिल्ली से पहुंच जाएंगे मुंबई, 2026 तक तैयार हो जाएगा एक्सप्रेसवे; केंद्र सरकार ने बताया
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे में देरी के कारण को लेकर हर्ष मल्होत्रा से सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा, ‘प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और यह जल्दी पूरा हो जाएगा। कुछ तकनीकी और व्यावहारिक दिक्कतें जरूर आई हैं।’
सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने शुक्रवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे निर्माण को लेकर बड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि साल 2026 तक इसे तैयार कर लिया जाएगा। इसका उद्देश्य वित्तीय और राजनीतिक राजधानियों के बीच यात्रा के समय को कम करना है। बताया जा रहा है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तैयार हो जाने के बाद दोनों शहरों के बीच की दूरी 12 घंटे में तय हो जाएगी। जब यह प्रोजेक्ट लॉन्च हुआ तो उस समय टारगेट यह रखा गया था कि जनवरी 2023 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, गुजरते समय के साथ इसकी टाइमलाइन में बदलाव करना पड़ा।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे में देरी के कारण को लेकर हर्ष मल्होत्रा से सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा, 'प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और यह जल्दी पूरा हो जाएगा। कुछ तकनीकी और व्यावहारिक दिक्कतें जरूर आई हैं। दरअसल, जमीन का अधिग्रहण तो आम जनता से होना है। इसलिए कभी-कभी परियोजनाओं में देरी हो जाती है।' उन्होंने कहा कि कई राज्य सरकारें भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं और भूमि अधिग्रहण राज्य का मामला है।
पीएम मोदी ने साल 2019 में रखी थी आधारशिला
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की आधारशिला मार्च 2019 में रखी गई थी। हरियाणा में सोहना और राजस्थान में दौसा के बीच पहले खंड का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से फरवरी 2023 में किया गया। इसी हफ्ते पीएम मोदी ने राजस्थान में डीएमई के एक और खंड का उद्घाटन किया है। राज्य में बीजेपी सरकार की पहली सालगिरह के मौके पर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस महीने की शुरुआत में DME को लेकर बयान दिया था। संसद में प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि एक्सप्रेसवे के दिल्ली-वडोदरा खंड के निर्माण में कुछ कमियां थीं।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण में पाई गईं खामियां
नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण में पाई गई कमियों के लिए 4 ठेकेदारों को जिम्मेदार ठहराया गया है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह भी कहा कि आईआईटी-खड़गपुर और आईआईटी-गांधीनगर के विशेषज्ञों ने एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया और इसके निर्माण में खामियां पाईं। गडकरी ने कहा, ‘हमने चार ठेकेदारों को नोटिस जारी किया है और उन्हें काली सूची में डाल देंगे। सख्त कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।’ मंत्री ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश की सबसे लंबी सड़क है। इसका निर्माण सबसे कम समय में हुआ है।