चीन के सामने इतना कम है भारत का रक्षा बजट, ड्रैगन ने फिर कर दिया भारी इजाफा
- भारत ने सालाना बजट 79 बिलियन डॉलर पर रखा है। इस मामले में चीन सिर्फ अमेरिका से पीछे है, जो इस साल सेना पर 900 बिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च करने की तैयारी कर रहा है।

चीन ने अपना रक्षा बजट बढ़ा दिया है, जो भारत से काफी ज्यादा है। खास बात है कि ड्रैगन की तरफ से आंकड़ों में ये बदलाव ऐसे समय पर किए गए हैं जब LAC यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों की मौजूदगी बनी हुई है। वहीं, जानकार भारत को भी रक्षा बजट में इजाफा करने की सलाह दे रहे हैं। फिलहाल, इसे लेकर भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भारत से कितना ज्यादा है चीन का रक्षा बजट
खबर है कि बुधवार को चीन ने सालाना रक्षा बजट में 7.2 प्रतिशत का इजाफा किया है, जिसके बाद आंकड़ा 245 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। खास बात है कि भारत की तुलना में यह बजट तीन गुना से भी ज्यादा है। भारत ने सालाना बजट 79 बिलियन डॉलर पर रखा है। इस मामले में चीन सिर्फ अमेरिका से पीछे है, जो इस साल सेना पर 900 बिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च करने की तैयारी कर रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'भारत को अपना रक्षा बजट अपनी जीडीपी का कम से कम 2.5 फीसदी बढ़ाना चाहिए, जो फिलहाल यह 1.9 फीसदी पर है। ताकि भारत और पाकिस्तान के खिलाफ भरोसेमंद तैयारी हो सके। हमारी सैन्य क्षमताओं में कई खामियां हैं, जिन्हें तत्काल दूर करने की जरूरत है।'
भारत के सामने क्या मुश्किल
रिपोर्ट के मुताबिक, सैलरी, पेंशन और संचालन पर खर्च के बाद भारत के पास सेना का आधुनिकीकरण करने के लिए बजट का सिर्फ 25 प्रतिशत ही हर साल बचता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके पास सिर्फ 30 फाइटर जेट स्क्वॉड्रन है, जिसमें प्रत्येक में 16 से 18 विमान हैं। जबकि, मंजूर क्षमता कम से कम 42.5 की है। साथ ही भारत तेजस विमान तैयार करने में भी परेशानियों का सामना कर रहा है।
जितना दिखाता है चीन उससे ज्यादा खर्च कर देता है
अखबार ने जानकारों के हवाले से लिखा है कि चीन जितने बजट का ऐलान करता है, उससे करीब 40-50 फीसदी ज्यादा खर्च कर देता है। इसकी वजह है कि चीन अलग-अलग मदों के तहत फंड जारी करता है। खबर है कि चीन की सेना के लगातार आधुनिकीकरण की वजह अमेरिका को रणनीतिक रूप से चुनौती देना, ताइवान में किसी तीसरे देश के दखल को रोकना और साउथ और ईस्ट चाइना सी में ताकत का प्रदर्शन करते रहना है।
अखबार के अनुसार, चीन ने भारत का रुख करने वाले कई हवाई अड्डों पर पांचवी पीढ़ी के अपने सबसे एडवांस जे-20 लड़ाकू विमान तैनात किए हैं। साथ ही उम्मीद की जा रही है कि वह पाकिस्तान के कम से कम 40 जे-35ए विमान देने वाला है।