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देश के पिता नहीं होते हैं; गांधी जयंती पर कंगना के बयान से हंगामा, BJP नेता ने भी की आलोचना

  • इससे पहले उन्होंने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर अपनी टिप्पणियों के कारण भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी थी। उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। कंगना ने लाल बहादुर शास्त्री को उनकी 120वीं जयंती पर एक पोस्ट के माध्यम से श्रद्धांजलि दी।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानThu, 3 Oct 2024 08:22 AM
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अभिनेता से नेता बनीं कंगना रनौत अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहती हैं। उनके बयान भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा कर देती है। उन्होंने बुधवार को गांधी जयंती के मौके पर सोशल मीडिया में पोस्ट करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर लिखा, "देश के पिता नहीं, देश के तो लाल होते हैं। धन्य हैं भारत माता के ये लाल।"

इससे पहले उन्होंने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर अपनी टिप्पणियों के कारण भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी थी। उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। कंगना ने लाल बहादुर शास्त्री को उनकी 120वीं जयंती पर एक पोस्ट के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। इसके बाद एक फॉलो-अप पोस्ट में उन्होंने देश में स्वच्छता पर महात्मा गांधी की विरासत को आगे बढ़ाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।

लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी पर पोस्ट ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद के लिए एक और विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने महात्मा गांधी पर उनके कटाक्ष के लिए कंगना रनौत की आलोचना की है।

श्रीनेत ने कहा, "भाजपा सांसद कंगना ने महात्मा गांधी की जयंती पर यह भद्दा कटाक्ष किया। गोडसे के उपासक बापू और शास्त्री जी में अंतर करते हैं। क्या नरेंद्र मोदी अपनी पार्टी के नए गोडसे भक्त को दिल से माफ करेंगे? राष्ट्रपिता हैं, बेटे हैं और शहीद हैं। सभी का सम्मान किया जाना चाहिए।"

पंजाब के वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया ने भी कंगना रनौत की टिप्पणी की आलोचना की। कालिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, "मैं गांधी जी की 155वीं जयंती पर कंगना रनौत की टिप्पणियों की निंदा करता हूं। अपने छोटे से राजनीतिक जीवन में उन्हें विवादास्पद बयान देने की आदत हो गई है।" उन्होंने कहा, "राजनीति उनका क्षेत्र नहीं है। राजनीति एक गंभीर मामला है। बोलने से पहले सोचना चाहिए। उनकी विवादास्पद टिप्पणी पार्टी के लिए परेशानी का कारण बनती है।"

पिछले महीने ही कंगना रनौत को 2021 में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों की वापसी की वकालत करने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। कंगना ने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि विरोध स्थलों पर लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे। बाद में कंगना रनौत ने अपने बयान को वापस लेते हुए स्वीकार किया कि उन्हें याद रखना चाहिए कि वह केवल एक कलाकार ही नहीं बल्कि भाजपा की सदस्य भी हैं।

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