आखिरकार वही हुआ, जिसकी मांग हम कर रहे थे; मणिपुर में राष्ट्रपति शासन पर कांग्रेस का तंज
- President rule in Manipur: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है। राज्य में पिछले कई महीनों से दो समुदायों के बीच हिंसा जारी थी। इसी कारण मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दिया और आज केंद्र की अनुशंसा पर राष्ट्रपति ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर दी।
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दो समुदायों के बीच सशस्त्र हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि अगर यही काम 20 महीने पहले कर लिया जाता तो वहां पर इतने नागरिक हिंसा में नहीं मारे जाते और न ही हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ता। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी कुछ दिनों पहले ही इस्तीफा दिया था, जिसके बाद आज राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर दी गई।
कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ नेता ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसकी मांग पिछले 20 महीनों से कर रही थी। लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह तब हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में संविधानिक तंत्र के पूर्ण रूप से ठप्प हो जाने की बात कही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस हिंसा की वजह से मई 2023 के बाद से करीब 300 लोगों की हत्या हो चुकी है। जबकि 60 हजार से ज्यादा महिलाओं, बच्चों और पुरुषों का विस्थापन हुआ है। अगर कांग्रेस की बात मानकर केंद्र पहले ही यह कर लेती तो ऐसा कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य में फरवरी 2022 में भाजपा और उसके सहयोगियों को सत्ता मिली। उसके बाद से ही उनकी खराब और पक्षपातपूर्ण नीतियों की वजह से महज पंद्रह महीनों में ही राज्य के भीतर भयानक त्रासदी मच गई।
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह तब हुआ है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति संभालने में पूरी तरह से विफल रहे जबकि इस दायित्व को प्रधानमंत्री ने उन्हें सौंपा था और यह तब हुआ है, जब दुनिया भर में घूमने वाले प्रधानमंत्री मणिपुर जाने और वहां सुलह प्रक्रिया शुरू करने से लगातार इनकार करते रहे।
राहुल ने भी साधा निशाना
कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर भाजपा पर निशाना साधा है। सोशल मीडिया साइट पर राहुल ने लिखा कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को लागू करना भाजपा द्वारा शासन करने में उनकी अक्षमता को दर्शाता है। अब पीएम मोदी मणिपुर के लिए अपनी सीधी जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकते। क्या अब वह हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करने के लिए तैयार हैं। क्या अब उन्होंने मणिपुर और भारत के लोगों को वहां पर शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की अपनी योजना समझाने का मन बना लिया है?