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सिर्फ कोलकाता कांड की ही बात न करें, गुस्सा और भी जगह है; राष्ट्रपति मुर्मू से कांग्रेस की अपील

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने विशेष लेख में कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या पर पहली बार अपनी बात रखी है और महिलाओं के खिलाफ जारी अपराधों पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 29 Aug 2024 09:34 AM
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कांग्रेस ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर की गई टिप्पणी का स्वागत किया। हालांकि पार्टी ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह सिर्फ एक क्षेत्र के बजाय सभी क्षेत्रों और राज्यों के लिए आवाज उठाएं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि वह राष्ट्रपति के बयान का स्वागत करते हैं लेकिन उन्हें फर्रुखाबाद, कोल्हापुर, बदलापुर, पुणे जैसे शहरों की घटनाओं पर भी बोलना चाहिए।

समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए पवन खेड़ा ने कहा, "मैं राष्ट्रपति के इस बयान और हस्तक्षेप का स्वागत करता हूं। पूरा देश आक्रोशित है। लेकिन देश का आक्रोश सिर्फ कोलकाता की घटना को लेकर नहीं है, बल्कि फर्रुखाबाद, कोल्हापुर, बदलापुर, पुणे, रत्नागिरी, जोधपुर, कटनी जैसे कई मामलों को लेकर भी है।" खेड़ा ने कहा, "राष्ट्रपति को देश भर में व्याप्त आक्रोश को अभिव्यक्त करना चाहिए न कि केवल एक क्षेत्र या राज्य में।"

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 'पीटीआई-भाषा' के लिए अपने विशेष लेख में कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या पर पहली बार अपनी बात रखी है और महिलाओं के खिलाफ जारी अपराधों पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने ‘‘महिलाओं की सुरक्षा : बस! बहुत हो चुका!’’ शीर्षक से एक लेख लिखा। राष्ट्रपति ने लिखा, "महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हालिया वृद्धि और इस बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए हमें ईमानदारी से आत्मावलोकन करना होगा। कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की जघन्य घटना ने राष्ट्र को सकते में डाल दिया है। जब मैंने यह खबर सुनी तो मैं बुरी तरह स्तब्ध और व्यथित हो गई। सबसे अधिक हताश करने वाली बात यह है कि ये केवल एक अकेला मामला नहीं है; यह महिलाओं के खिलाफ अपराधों की कड़ी का एक हिस्सा है।"

उन्होंने आगे लिखा, "छात्र, डॉक्टर और नागरिक कोलकाता में जब प्रदर्शन कर रहे हैं तो उस समय भी अपराधी अन्यत्र शिकार की तलाश में घात लगाए हुए हैं। पीड़ितों में छोटी छोटी स्कूली बच्चियां तक शामिल हैं। कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों के साथ ऐसी बर्बरता की अनुमति नहीं दे सकता। राष्ट्र का आक्रोशित होना स्वाभाविक है और मैं भी आक्रोशित हूं।"

राष्ट्रपति की टिप्पणी के जवाब में पवन खेड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रपति को सिर्फ एक क्षेत्र या राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर बात करनी चाहिए। खेड़ा ने एएनआई से कहा, "राष्ट्रपति को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वह सिर्फ एक घटना के बारे में बात न करें, बल्कि अन्य घटनाओं के बारे में भी बात करें और फर्रुखाबाद के बारे में भी उतना ही गुस्सा करें, जहां जन्माष्टमी के दिन 2 दलित लड़कियों को फांसी पर लटका हुआ पाया गया। उन्हें महाराष्ट्र के बारे में भी बात करनी चाहिए, जहां हर रोज ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं - चाहे वह बदलापुर हो या रत्नागिरी या पुणे या कोल्हापुर। इन सभी घटनाओं ने देश को हिलाकर रख दिया है; कल जोधपुर में भी यही हुआ। इसलिए, राष्ट्रपति को आदर्श रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए और इन सभी भयावह घटनाओं के बारे में बात करनी चाहिए।"

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