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मुंबई में किराए से करोड़ों कमा रही थीं SEBI चीफ माधबी बुच, कांग्रेस ने एक और शख्स का लिया नाम

  • सेबी चीफ माधबी बुच को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि वह मुंबई में किराए से करोड़ों कमा रही थीं। इसके अलावा कांग्रेस ने अनंत नारायण का भी नाम लिया है और कहा है कि वह भी माधबी बुच की तरह ही कमाई कर रहे हैं।

Ankit Ojha हिन्दुस्तान टाइम्सTue, 29 Oct 2024 02:42 PM
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सेबी चीफ माधबी पुरी को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि माधबी पुरी बुच की मुंबई में एक प्रॉपर्टी है जिसे उन्होंने ग्रीन वर्ल्ड बिल्डकॉन ऐंड इन्फ्रा को किराए पर दी थी। इस कंपनी के मुकल बंसल और बिपुल बंसल लंबे समय तक इंडिया बुल्स के शीर्ष पद पर रहे। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी को किराए देकर 2 करोड़ 16 लाख की इनकम हुई। इसके अलावा उनके और उनके पति की कंपनी को लेकर उन्होंने बताया कि वह सरकारी हो गई है। लेकिन वह कंपनी चल रही है और उसके 99 फीसदी शेयर माधबी के पास हैं। अगोर कंपनी सरकारी नहीं है और यह सेबी के दायरे में आने वाली कंपनियों की कन्सल्टेंसी का काम करती है। उन्होंने चीनी फंड में निवेश किया।

पवन खेड़ा ने कहा कि एक अन्य शख्स हैं जिनका नाम है अनंत नारायण। ये सेबी के होल टाइम मेंबर हैं। उन्होंने भी अपनी प्रॉपर्टी थंगम विनोद राजकुमार नाम के स्टॉक ब्रोकर को दी। उनका फिंड सेबी द्वारा रेग्युलेटेड है। माधबी जी भी वही करती हैं और एक अन्य सेबी के सदस्य भी वही काम कर रहे हैं। अनंत नारायण एमआईआरएसडी के सदस्य हैं। इसलिए वह सेबी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

पवन खेड़ा ने कहा कि वह प्रेडिबल हेल्थ की शुरुआती शेयरधारको में थीं। कंनपी को सरकार से फंडमिलता था। सेबी की सदस्य होने के बाद भी वह इसमें हिस्सेदार थीं। इसके अलावा भी कई लोगों ने इसमें निवेश किया था। 2017 में ही इसके बारे में पता चला गया था। 2021 में उन्होंने अमेरिका की कंपनी के शेयर बेचे और इससे 226 गुना ज्यादा मुनाफा कमाया। बता दें कि कांग्रेस ने पहले ही कहा था कि सेबी चीफ बनने के बाद भी वह आईसीआईसीआई से वेतन ले रही थीं। उनपर आरोप हैं कि उन्होंने सेबी में रहने के बाद भी आईसीआईसीआई से 16.8 करोड़ रुपये सैलरी के रूप में लिए। यह पैसा सेबी से उनकी इनकम का पांच गुना था।

माधबी पुरी पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अडानी की कथित शेल कंपनियों में निवेश किया था। हिंडनबर्ग रिसर्च के पेपर्स में माधबी पुरी के अलावा उनके पति का भी नाम था। हालांकि सेबी चेयरपर्सन ने कहा था कि उनके खिलाफ गलत आरोप लगाए गए हैं।

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