पैसों का लेन-देन ही नहीं तो ED कैसे कर सकती है जांच- MUDA घोटाले में सिद्धरमैया ने उठाया सवाल
- कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने अपनी पत्नी को आवंटित किए गए जमीन पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के खिलाफ खुद का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में पैसों का कोई लेन देन नहीं हुआ है तो ED मामले की जांच कैसे कर सकती है।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया MUDA स्कैम को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। इस बीच उन्होंने मंगलवार को विवाद पर अपना रुख कड़ा करते हुए कहा है कि मैसूर में उनकी पत्नी पार्वती को उनकी जमीन के बदले में जमीन आवंटित की गई थी। उन्होंने सवाल उठाए हैं कि अगर पैसों का कोई लेन देन नहीं हुआ है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कैसे बन सकता है और प्रवर्तन निदेशालय इसकी जांच कैसे कर सकती है। सीएम ने कहा है कि ईडी द्वारा मामले की जांच करने की कोई गुंजाइश नहीं है।
सिद्धारमैया ने कहा है कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा उनकी पत्नी के 3.16 एकड़ जमीन के बदले सिर्फ कंपनसेटरी जमीन दी गई थी। मुख्यमंत्री ने बेंगलुरु में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "मेरी राय में अधिग्रहित जमीन के बदले में दिए गए प्लॉट मनी लॉन्ड्रिंग के तहत नहीं आते हैं।"
वहीं इस मामले में विपक्ष के हंगामे के बाद MUDA अधिकारियों ने पार्वती के अनुरोध पर प्लॉट का आवंटन रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा, "इसमें मेरी क्या भूमिका है?" उन्होंने कहा कि उनके और MUDA के बीच कोई लेन-देन नहीं हुआ है। सिद्धारमैया ने कहा, "विपक्षी दल झूठ बोलने में माहिर हैं। वे मेरे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं जबकि उनके पास कोई मामला नहीं है।"
सिद्धारमैया ने बीजेपी-जेडीएस पर उनके साथ राजनीतिक बदला लेने का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का समर्थन किया है और कहा है कि यह राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास है। नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार हर हाल में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।