सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद से तुरंत दें इस्तीफा, जमीन घोटाले के आरोप को लेकर भाजपा की मांग
- प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा, 'आरोप है कि आपका परिवार भू आवंटन घोटाले में लिप्त है। इसलिए आपको मुख्यमंत्री के पद से सम्मानपूर्वक इस्तीफा दे देना चाहिए।'
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अपने खिलाफ जांच की मंजूरी संबंधी राज्यपाल के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका हाई कोर्ट से खारिज हो गई। अब भाजपा की स्टेट यूनिट ने सीएम पद से उनका इस्तीफा मांगा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि राज्यपाल की मंजूरी कानून के मुताबिक है। उन्होंने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री से राज्यपाल के खिलाफ आरोपों को एक तरफ रखने और एचसी के आदेश का सम्मान करने का अनुरोध करता हूं। आरोप हैं कि आपका (मुख्यमंत्री का) परिवार भू आवंटन घोटाले में लिप्त है, आपको मुख्यमंत्री के पद से सम्मानपूर्वक इस्तीफा दे देना चाहिए।’
दरअसल, मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से (MUDA) पॉश क्षेत्र में सिद्धारमैया की पत्नी को 14 भूखंडों के आवंटन किए गए। इसमें कथित अनियमितताओं के सिलसिले में उनके खिलाफ राज्यपाल थारवरचंद गहलोत ने जांच की मंजूरी दी, जिसे मुख्यमंत्री ने चुनौती दी थी। 19 अगस्त से 6 बैठकों में इस याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने 12 सितंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
सिद्धारमैया ने राज्यपाल के आदेश को दी चुनौती
राज्यपाल को शिकायतकर्ताओं (प्रदीप कुमार एस पी, टी जे अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा) की ओर से याचिकाएं सौंपी गईं। इनमें दर्ज कथित अपराधों के सिलसिले में 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत जांच की मंजूरी प्रदान की थी। इसके बाद सिद्धारमैया ने राज्यपाल के आदेश की वैधता को 19 अगस्त को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। मगर, अदालत से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।