दो से ज्यादा बच्चे वालों को ना मिले सरकारी योजनाओं का लाभ, बीजेपी सांसद ने राज्यसभा में उठाई मांग
बीजेपी सांसद अनिल सुखदेव बोंडे ने राज्यसभा में मांग उठाई है कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्यादा बच्चे होने से ज्यादा राशन देने की बाध्यता होती है।
राज्यसभा में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने देश की बढ़ती आबादी पर चिंता जताई और सरकार से मांग की कि गरीब कल्याण सहित केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलना चाहिए जिनके दो बच्चे हैं।उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए भाजपा के अनिल सुखदेव बोंडे ने कहा कि देश में गरीब कल्याण योजना क्रियान्वित है और इसके तहत 80 करोड लोगों को मुफ्त राशन दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार गरीबों को आवास, शौचालय और आयुष्मान भारत सहित कई योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘भारत की जनसंख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक परिवार में दो बच्चे अपेक्षित है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कुछ परिवार में दो से ज्यादा तथा आठ से 10 बच्चों तक को जन्म दिया जाता है। उनके लिए कोई बंधन नहीं माना जाता है। जनसंख्या विस्तार का ख्याल भी नहीं रखा जाता है।’
बोंडे ने कहा कि गरीब कल्याण योजना तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए एक परिवार में दो बच्चे की पात्रता रखा जाना जरूरी है। उन्होंने दलील दी कि राशन जैसी योजना में प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जिन परिवारों में अधिक बच्चे होते हैं, उन्हें अधिक अनाज देना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार आवास सहित अन्य योजनाओं में होता है। उन्होंने कहा, ‘यानी यह दो बच्चों को जन्म देने वाले परिवार के ऊपर अन्याय है। जो संविधान मानता है और जो कानून के अनुसार देश के भलाई के लिए दो बच्चों को जन्म देता है, उसको कम लाभ मिलता है।’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए गरीब कल्याण योजना तथा अन्य लाभकारी योजनाओं के लिए दो बच्चों के परिवार को ही पात्रता मिलनी चाहिए ताकि गरीब कल्याण के साथ-साथ जनसंख्या नियंत्रण का कार्य भी हो। यह देश के लिए हित में होगा।’