ब्रह्मपुत्र नदी पर सबसे बड़ा बांध बना रहा चीन, सरकार इसे रुकवाए; BJP सांसद ने संसद में उठाई आवाज
- भाजपा सांसद ने कहा कि चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने का ऐलान किया है। तिब्बत के क्षेत्र में बनने जा रहे इस बांध से भारत और बांगलादेश दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
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भारतीय जनता पार्टी के सांसद दिलीप सैकिया ने चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाए जाने का मुद्दा संसद में उठाया। सोमवार को उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन सबसे बड़े बांध का निर्माण कर रहा है। इससे भारत, खासतौर पर उत्तर पूर्व राज्यों में आपदाओं का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई कि पड़ोसी देश से बात कर इसे रुकवाया जाए। असम के दरांग-उदलगुड़ी से सांसद सैकिया ने लोकसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने का ऐलान किया है। तिब्बत के क्षेत्र में बनने जा रहे इस बांध से भारत और बांगलादेश दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
दिलीप सैकिया ने कहा कि यह बांध हिमालय की विशाल घाटी में बनाया जाना है और यह क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश के करीब है। उन्होंने कहा कि इस बांध के बनने से जहां पर्यावरण और स्थानीय जनता प्रभावित होगी। अनेक घटनाएं घटित हो सकती हैं। बांध बनने के बाद ब्रह्मपुत्र के प्रवाह पर चीन का नियंत्रण हो जाएगा और उत्तर पूर्व भारत में पानी की कमी या बाढ़ का संकट पैदा हो जाएगा। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि चीन के साथ बात कर इस बांध के निर्माण को रोका जाए।
शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करने की मांग
शून्यकाल में ही भाजपा के बी महताब ने वंदे भारत ट्रेन में स्वतंत्रता सेनानियों को प्रथम श्रेणी यात्रा के पास की सुविधा दिए जाने की मांग सरकार से की। शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत ने सरकार से मांग की कि मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराजा टर्मिनस के सामने शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की जाए। वहीं, भाजपा के त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में बाढ़ से होने वाले खतरे को उठाया। उन्होंने कहा कि वहां खराब मौसम में बाढ़ से पूरा इलाका प्रभावित होता है। बांध से अचानक छोड़े गए पानी से बाढ़ आती है और फसलें बर्बाद करती हैं। यह संकट बरसात में आता है, इसलिए गंगा नदी पर बने बांधों से छोड़े जाने वाले पानी के लिए वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, ताकि बाढ़ के प्रकोप को रोका जा सके।