भाजपा ने लहराया जीत का परचम, NDA को राज्यसभा में मिला बहुमत; जानें कांग्रेस का हाल
- केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन, केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा समेत 12 उम्मीदवारों ने राज्यसभा उपचुनाव में मंगलवार को निर्विरोध जीत दर्ज की।
राज्यसभा की 12 सीटों के उपचुनावों के बाद संसद के उच्च सदन में प्रभावी सदन संख्या में एनडीए का बहुमत हो गया है। 245 सदस्यीय सदन में अभी प्रभावी संख्या 237 है, इसमें एनडीए के अब 112 सांसदों के साथ उसे छह मनोनीत और एक निर्दलीय सांसद का समर्थन हासिल है। इस तरह उसके पास 119 सांसदों का समर्थन है, जो प्रभावी सदन में स्पष्ट बहुमत है।
राज्यसभा की 12 सीट के उपचुनाव में भाजपा को नौ एवं सहयोगी दल को दो सीट मिली है। एक सीट कांग्रेस के पास गई है। इससे राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या 96 हो गई है, जबकि कांग्रेस के 27 सदस्य हो गए हैं। एनडीए में भाजपा के 96 सदस्यों के साथ जद(यू) के चार, एनसीपी के तीन और अगप, जदएस, एमएनएफ, एनपीपी, पीएमके, रालोद, आरपीआई, शिवसेना, आरएलएम के एक-एक सदस्य हैं। एनडीए को छह मनोनीत और एक निर्दलीय का समर्थन भी हासिल है।
सभी 12 सीटों पर निर्विरोध जीते
केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन, केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा समेत 12 उम्मीदवारों ने राज्यसभा उपचुनाव में मंगलवार को निर्विरोध जीत दर्ज की। निर्विरोध चुने गए सदस्यों में भाजपा के नौ, कांग्रेस का एक, एनसीपी (अजीत पवार) का एक और राष्ट्रीय लोक मोर्चा का एक सदस्य निर्वाचित हुआ है।
भाजपा उम्मीदवार एवं केंद्रीय राज्यमंत्री बिट्टू राजस्थान से, जॉर्ज कुरियन मध्य प्रदेश से, उपेंद्र कुशवाहा और मनन कुमार मिश्रा बिहार से, राजीव भट्टाचार्जी त्रिपुरा से, भाजपा की किरण चौधरी हरियाणा से, धैर्यशील पाटिल महाराष्ट्र से, ममता मोहंता ओडिशा से एवं असम से मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली ने जीत दर्ज की है। इसके अलावा, कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने तेलंगाना से राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। एनसीपी (अजीत पवार) के नितिन पाटिल ने महाराष्ट्र से जीत दर्ज की है।
आपको बता दें कि तय कार्यक्रम के अनुसार राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 27 अगस्त थी। मतदान तीन सितंबर को होना तय था लेकिन नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख यानी 27 अगस्त को सभी 12 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए इसलिए अब चुनाव की जरूरत नहीं रह गई है।