बंद होने चाहिए खाते; कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला, विभागों को दिया SBI-PNB से नाता तोड़ने का आदेश
- कर्नाटक सरकार ने सभी विभागों से एसबीआई और पीएनबी में अपनी सभी जमा राशि और निवेश वापस लेने और इन बैंकों के साथ किसी तरह का लेन-देन न करने का आदेश दिया है। यह आदेश कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) और बैंक कर्मचारियों से जुड़े कथित घोटाले के बाद सामने आया है।
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने एक बड़े एक्शन के तहत राज्य के सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और विश्वविद्यालयों को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में अपनी सभी जमा राशि और निवेश वापस लेने और इन बैंकों के साथ किसी तरह का लेन-देन न करने का आदेश दिया है। यह आदेश कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) और बैंक कर्मचारियों से जुड़े कथित घोटाले के बाद सामने आया है। बोर्ड का आरोप है कि जब 12 करोड़ रुपये का निवेश वापस लेने के लिए बैंक से संपर्क किया गया तो बैंक कर्मचारियों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
12 अगस्त को कर्नाटक सरकार के एक सर्कुलर में कहा गया कि बैंक अधिकारियों के साथ बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला और मामला अब अदालत में है। सर्कुलर में कहा गया है कि इसी तरह, कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) द्वारा जमा किए गए 10 करोड़ रुपये भी बैंक अधिकारियों द्वारा घोटाले के कारण वापस नहीं किए गए।
वित्त सचिव पी सी जाफर (बजट एवं संसाधन) ने सर्कुलर में कहा कि महालेखा परीक्षक ने भी इस पर आपत्ति जतायी है। सर्कुलर में लिखा था, “इस पृष्ठभूमि में इस सर्कुलर के माध्यम से सूचित किया जाता है कि राज्य सरकार के विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, निगमों, बोर्डों, स्थानीय निकायों और विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों को भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक की सभी शाखाओं में किए गए सभी जमा/निवेश को वापस ले लेना चाहिए। भविष्य में इनके साथ कोई जमा/निवेश नहीं किया जाना चाहिए।”
इसके साथ ही, कर्नाटक सरकार ने सरकारी संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे इन दोनों बैंकों में अपने खाते बंद करें और प्रमाणित क्लोजर रिपोर्ट जमा करें। संस्थानों को जमा और निवेश का विवरण 20 सितंबर, 2024 तक निर्धारित प्रारूप में वित्त विभाग को भेजने का भी निर्देश दिया गया है।