पराली का मुद्दा भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर डाला, बोले- PM मोदी ही मीटिंग बुलाएं
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन युद्ध को रोक सकते हैं जैसा कि उन्होंने विज्ञापन में दिखाया है, तो क्या वे यहां धुआं नहीं रोक सकते? उन्हें सभी राज्यों की बैठक करवानी चाहिए, मुआवजा देना चाहिए और वैज्ञानिकों को बुलाना चाहिए।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पराली के मुद्दे पर पीएम मोदी से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मीटिंग बुलाने की अपील की है। मान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पराली जलाने का मुद्दा किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है। यह पूरे उत्तर भारत का मुद्दा है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी को मीटिंग बुलानी चाहिए और इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन युद्ध को रोक सकते हैं, जैसा कि उन्होंने विज्ञापन में दिखाया है, तो क्या वे यहां धुआं नहीं रोक सकते? उन्हें सभी राज्यों की बैठक करवानी चाहिए, मुआवजा देना चाहिए और वैज्ञानिकों को बुलाना चाहिए।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि किसान किसी भी राज्य का हो वह पराली नहीं जालना चाहता, लेकिन उसके पास दूसरा कोई विकल्प ही नहीं है। किसान धान की फसल ही नहीं करना चाहते लेकिन किसी और वैकल्पिक फसल पर एमएसपी ही नहीं मिलती, तो किसान धान न करे तो क्या करे। मान ने कहा कि जब धान पैदा होता है और देश में अन्न के भंडार भर जाते हैं तब इसी किसान की तारीफ होती है लेकिन जब बात पराली की आती है तो किसान को ही दोषी साबित कर दिया जाता है। उन पर जुर्माना लगाने की कोशिश की जाती है।
दिल्ली का आसमान हुआ धुआं-धुंआ
हर साल सर्दियों के पहले दिल्ली के आसमान में धुंआ ही धुंआ दिखाई देता है। इससे आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। दिल्ली के खराब होते मौसम के सवाल पर पंजाब के सीएम मान ने कहा कि पंजाब में जली पराली का धुंआ दिल्ली पहुंचता है या नहीं यह तो मुझे नहीं पता लेकिन इतना पता है कि यह धुआं पंजाब के किसान और उसके परिवार और उसके गांव को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। हमें इसे बंद करवाने की जरूरत है।
प्रोत्साहन नहीं किसान को मुआवजा चाहिए- सीएम मान
सीएम मान ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार हमारी सरकार से किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कह रही है लेकिन प्रोत्साहन से काम नहीं चलता, हमें व्यावहारिक कदम उठाने की जरूरत है। हमारी सरकार ने किसानों को 1.25 लाख मशीनें दी हैं। हम लगातार काम कर रहे हैं, केंद्र सरकार से भी मांग कर रहे हैं कि वह किसानों की मदद करें।