बंगाल की आग बुलडोजर चलाने का नतीजा; फारूक अब्दुल्ला का सरकार पर वार, नफरत को बताई हिंसा की वजह
- फारूक अब्दुल्ला ने अपने हालिया बयान में कहा कि बाकी जगहों पर बुलडोजर चलाए गए। मस्जिदें गिरा दी गईं। स्कूल तबाह कर दिए गए, मुसलमानों के घर ढहा दिए गए। यही कारण है कि बंगाल में हिंसा भड़की।

जम्मू से नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार और प्रशासन पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि जान-बूझकर हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा की जा रही है, जिसकी वजह से यह नफरत अब हिंसा में बदल रही है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "मुर्शिदाबाद में जो हुआ वो सिर्फ नफरत का नतीजा है। वहां बुलडोजर चलाए गए। मस्जिदें गिरा दी गईं। स्कूल तबाह कर दिए गए। मुसलमानों के घर ढहा दिए गए।" उन्होंने सवाल किया कि इन लोगों का गुनाह क्या था? क्या कोई आरोप साबित हुआ? उन्होंने खुद ही जवाब दिया इन मामलों में कुछ भी साबित नहीं हुआ।
नफरत का नदीजा है बंगाल हिंसा: फारूक अब्दुल्ला
पूर्व मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा, "कोर्ट ने साफ तौर पर बुलडोजर पर रोक लगाई है, लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई की गई। क्या कानून सिर्फ हमारे लिए अलग है और उनके लिए अलग?"
बंगाल हिंसा पर खूब हो रही सियासत
गौरतलब है कि बंगाल हिंसा को लेकर सियासत काफी चरम पर है। एक तरफ केंद्र सरकार में काबिज भाजपा लगातार ममता सरकार पर हिंस्सा को आरोप लगा रही है। वहीं ममता सरकार भी हिंसा के पीछे बीजेपी की साजिश बता रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राज्य में दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार शुरू किया है।
ममता ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों को एक-दूसरे का ख्याल रखना चाहिए। बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि ये ताकतें उकसावे पर हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पृष्ठभूमि का इस्तेमाल विभाजनकारी राजनीति करने के लिए कर रही हैं।
ममता ने लिखा खुला खत
उन्होंने एक खुले पत्र में आरोप लगाया, ‘‘पश्चिम बंगाल में भाजपा और उसके सहयोगी अचानक बहुत आक्रामक हो गए हैं। इन सहयोगियों में संघ भी शामिल है। मैंने पहले संघ का नाम नहीं लिया था, लेकिन अब मुझे उसका नाम बताने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इन सभी ने मिलकर राज्य में दुष्प्रचार अभियान शुरू किया है।’’