मणिपुर के भारत में विलय का विरोध, 15 अक्टूबर को 'नेशनल ब्लैक डे' मनाएंगे प्रतिबंधित संगठन
- बता दें कि विलय समझौते पर 15 अक्टूबर, 1949 को हस्ताक्षर किए गए थे। इससे पहले 21 सितंबर, 1949 को पूर्व-मसौदा विलय समझौते पर मणिपुर के तत्कालीन राजा महाराजा बोधोचंद्र ने अपनी सहमति दी थी।
मणिपुर के भारत में विलय के विरोध में प्रतिबंधित संगठनों ने 15 अक्टूबर को 'नेशनल ब्लैक डे' के रूप में मनाने का ऐलान किया है। साथ ही, मंगलवार को पूरे राज्य में 12 घंटे के पूर्ण बंद की घोषणा की है। इनमें मणिपुर के 6 गैरकानूनी विद्रोही समूह (कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी, कांगलेईपाक यावोल कन्ना लुप, पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट, यूनाइटेड नेशनल और लिबरेशन फ्रंट-कोइरेंग गुट) शामिल हैं। इनकी ओर से कहा गया कि कल शटडाउन सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक लागू रहेगा।
बता दें कि विलय समझौते पर 15 अक्टूबर, 1949 को हस्ताक्षर किए गए थे। इससे पहले 21 सितंबर, 1949 को पूर्व-मसौदा विलय समझौते पर मणिपुर के तत्कालीन राजा महाराजा बोधोचंद्र ने अपनी सहमति दी थी। हालांकि, मणिपुर के कुछ गुट आरोप लगाते हैं कि भारतीय संघ के साथ समझौते पर जबरन हस्ताक्षर कराया गया। इसे लेकर वे लगातार विरोध करते रहे हैं। विभिन्न उग्रवादी समूह आज भी मुक्ति की वकालत करते हैं। यही वजह है कि वे हर साल 15 अक्टूबर को 'नेशनल ब्लैक डे' के रूप में मनाते हैं।
भारत पर छद्म युद्ध छेड़ने का लगाया आरोप
मणिपुर के प्रतिबंधित व भूमिगत समूह की ओर से जारी बयान में भारत पर छद्म युद्ध छेड़ने का गंभीर आरोप लगाया गया। उन्होंने दावा किया कि इस संघर्ष का मकसद मणिपुर में क्रांतिकारी आंदोलन को कमजोर करना और यहां के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण करना है। बयान के अनुसार, केंद्र तो यूरेनियम और क्रोमाइट जैसे स्थानीय संसाधनों को निकालने पर ध्यान देता है। राज्य के नागरिकों के कल्याण को प्राथमिकता नहीं दी जाती, जो अपनी ही जमीन पर तेजी से हाशिए पर जाते महसूस कर रहे हैं। इसमें कहा गया कि इस कथित शोषण के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।
गौरतलब है कि मणिपुर के इम्फाल पश्चिम जिले में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलीपाक के 2 कार्यकर्ता बीते दिनों गिरफ्तार हुए। पुलिस ने बताया कि दोनों की उम्र क्रमश: 34 और 18 वर्ष है। वे राज्य की राजधानी इम्फाल में व्यापारियों से जबरन वसूली में संलिप्त थे। दोनों अपराधियों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से 2 मोबाइल फोन और एक दोपहिया वाहन जब्त किया गया। राज्य सरकार ने इन समूहों की ओर से बढ़ती जबरन वसूली की घटनाओं से निपटने के लिए हाल ही में जबरन वसूली रोधी प्रकोष्ठ का गठन किया है।