दलाल के सहारे भारत पहुंचे बांग्लादेशी, नौकरी की तलाश में की घुसपैठ; त्रिपुरा से 12 गिरफ्तार
- तेलियामुरा सरकारी रेलवे पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार लोग यह नहीं बता सके कि वे त्रिपुरा में सिलाचरी या गोमती जिले के करबुक क्षेत्र में क्यों घुसे थे। इन लोगों ने बांग्लादेश के एक दलाल की मदद से राज्य में प्रवेश किया।
त्रिपुरा के तेलियामुरा रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को 12 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें चार महिलाएं और चार बच्चे शामिल हैं। ये लोग काम की तलाश में राज्य से बाहर जाने की कोशिश कर रहे थे। रेलवे पुलिस और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसफ) की संयुक्त चेकिंग के दौरान इन्हें पकड़ा गया।
क्या थी गिरफ्तारी की वजह
तेलियामुरा सरकारी रेलवे पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार लोग यह नहीं बता सके कि वे त्रिपुरा में सिलाचरी या गोमती जिले के करबुक क्षेत्र में क्यों घुसे थे। इन लोगों ने बांग्लादेश के एक दलाल की मदद से राज्य में प्रवेश किया। अब इन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।
हो रही इंसानी तस्करी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी
त्रिपुरा में पिछले कुछ समय से बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या शरणार्थियों की घुसपैठ के मामलों में कई गिरफ्तारियां हुई हैं। हाल ही में गोमती जिले में छह बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया, जिनमें चार नाबालिग थे। ये लोग चेन्नई जाने की तैयारी में थे। पिछले हफ्ते भी बीएसएफ, रेलवे पुलिस और राज्य पुलिस ने पश्चिम त्रिपुरा जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक इंसानी तस्कर को गिरफ्तार किया था। त्रिपुरा में इंसानी तस्करी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
क्यों बढ़ रही घुसपैठ
बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर की सीमा साझा कर रहे त्रिपुरा में सीमा सुरक्षा को मजबूत किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर सीमा पर सतर्कता बढ़ाने और घुसपैठ रोकने के सख्त निर्देश दिए थे। हालांकि, त्रिपुरा की अधिकांश सीमा पर कांटेदार तार की बाड़ लगाई गई है, लेकिन कई हिस्से अब भी बाड़ से मुक्त हैं। इन हिस्सों पर स्थानीय विवादों के चलते बाड़ लगाने का काम अधूरा है। यही कारण है कि घुसपैठ और इंसानी तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती और संयुक्त प्रयासों के चलते हाल ही में कई बांग्लादेशी नागरिक और तस्कर गिरफ्तार हुए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी पिछले साल गुवाहाटी में दर्ज एक केस के सिलसिले में कई युवाओं को इंसानी तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था।