अपने ही देश में बांग्लादेशियों ने रचा था आतंक का जाल, NIA ने किया पर्दाफाश, अब जेल में कटेंगे दिन
- एनआईए की विशेष अदालत ने पुणे में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के आतंकियों को पनाह देने के आरोप में तीन बांग्लादेशी नागरिकों को पांच साल की सजा सुनाई है।
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने पुणे में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के आतंकियों को पनाह देने के आरोप में तीन बांग्लादेशी नागरिकों को पांच साल की सजा सुनाई है। एनआईए के अनुसार, दोषी ठहराए गए मोहम्मद हबीबुर रहमान हबीब उर्फ राज जेसब मंडल, हन्नान अनवर हुसैन खान उर्फ हन्नान बाबुराली गाजी और मोहम्मद अजरअली सुब्हानअल्लाह उर्फ राजा जेसब मंडल पर भारतीय दंड संहिता और विदेशी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
साजिश का पर्दाफाश
मामले की शुरुआत मार्च 2018 में पुणे पुलिस द्वारा की गई थी, जब कुछ बांग्लादेशी नागरिकों के बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रहने और एबीटी आतंकियों को समर्थन देने की जानकारी मिली थी। पुलिस ने हबीब को पुणे के धोबीघाट, भैरोंबा नाला इलाके से पकड़ा था। इसके बाद कुल पांच बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया।
एनआईए की जांच में हुए कई खुलासे
एनआईए ने मई 2018 में इस मामले को अपने हाथ में लिया। जांच में सामने आया कि इन आरोपियों ने भारत में अवैध रूप से घुसपैठ की थी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड बनवाए थे। इन दस्तावेजों का इस्तेमाल उन्होंने भारतीय सिम कार्ड लेने, बैंक खाता खोलने और नौकरी पाने के लिए किया। इसके अलावा, जांच में पता चला कि इन आरोपियों ने एबीटी के कई आतंकियों को पनाह और आर्थिक सहायता दी।
पहले भी हो चुकी हैं सजा
इससे पहले, अक्टूबर 2023 में इसी मामले में दो अन्य आरोपी रिपेन हुसैन और मोहम्मद हसन अली मोहम्मद आमेर अली को भी दोषी ठहराया गया था और पांच साल की सजा दी गई थी। अब तक इस मामले में कुल पांच आरोपियों को दोषी ठहराया जा चुका है। कोर्ट ने तीनों दोषियों को पांच साल की जेल के साथ 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एनआईए का कहना है कि इस सजा से भारत में अवैध गतिविधियों और आतंकियों को पनाह देने वालों पर कड़ा संदेश जाएगा।