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बेंगलुरू में 12 साल से रह रहा था बांग्लादेशी रमजान शेख, बनवा लिया भारत का पासपोर्ट; पत्नी ने पकड़वाया

  • पुलिस ने बताया कि उसने एक जन्म प्रमाणपत्र भी बनवाया था, जिसमें उसकी जन्मस्थली पश्चिम बंगाल दिखाई गई है। उसने बेंगलुरु के केआर पुरम आरटीओ से ड्राइविंग लाइसेंस भी प्राप्त कर रखा था।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, बेंगलुरुTue, 29 Oct 2024 02:52 PM
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बेंगलुरु पुलिस ने सोमवार को 38 वर्षीय बांग्लादेशी नागरिक रमजान शेख, उर्फ मोहम्मद रमजान शेख को गिरफ्तार किया, जो पिछले 12 वर्षों से अवैध रूप से शहर में रह रहा था। उसकी पहचान बांग्लादेश के खुलना डिवीजन के नारैल निवासी के रूप में की गई है। पुलिस के अनुसार, रमजान शेख 2012 से बेंगलुरु के चिक्का बनाहल्ली में रह रहा था और कबाड़ के व्यापार में शामिल था। उसके पास फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी और भारतीय पासपोर्ट भी था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि उसने एक जन्म प्रमाणपत्र भी बनवाया था, जिसमें उसकी जन्मस्थली पश्चिम बंगाल दिखाई गई है। उसने बेंगलुरु के केआर पुरम आरटीओ से ड्राइविंग लाइसेंस भी प्राप्त कर रखा था। शेख की पहली शादी बांग्लादेश में हुई थी, लेकिन उसने बेंगलुरु में दूसरी शादी कर ली थी और अपनी दूसरी पत्नी और बच्चों के साथ रह रहा था। वह भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल करके बांग्लादेश की यात्रा करता था।

जनवरी 2023 में, शेख को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जब उसके कर्मचारी रसूल हवलदार ने आत्महत्या कर ली थी। उस पर प्रताड़ना और वेतन न देने के आरोप लगे थे। हालांकि, उसे बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। शेख की पहली पत्नी नूरजहां बेगम बांग्लादेश में रहती है। उसको अपने परिचितों के माध्यम से शेख के बेंगलुरु में होने और उसकी गिरफ्तारी के बारे में पता चला था।

फरवरी 2023 में, वह मेडिकल वीजा पर भारत आई और व्हाइटफील्ड डिवीजन पुलिस से मिलकर यह साबित करने वाले दस्तावेज प्रस्तुत किए कि शेख बांग्लादेश में जन्मा और वहां का नागरिक है। लेकिन, जमानत पर छूटने के बाद, शेख ने पुलिस को धोखा दे दिया और बेंगलुरु में वापस रहना शुरू कर दिया।

फरवरी 2023 से सितंबर 2023 के बीच, शेख ने भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल करके दो बार बांग्लादेश की यात्रा की। उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही आंतरिक सुरक्षा प्रभाग (ISD) को सूचना मिली कि वह वापस बेंगलुरु लौट आया है। इसके बाद, उसे फिर से गिरफ्तार कर तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया। कडुगोड़ी पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ पिछला मामला अदालत में लंबित है और उसे अदालत के फैसले के आधार पर ही बांग्लादेश निर्वासित किया जाएगा।

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