Hindi Newsदेश न्यूज़Bangladeshi infiltrator becomes head of Panchayat Lovely Khatun has connection with TMC BJP furious

बांग्लादेशी घुसपैठिया बनी पंचायत की प्रधान, लवली खातून का ममता की TMC से कनेक्शन; BJP भड़की

  • उन व्यक्तियों ने भी हलफनामा पेश किया है जो लवली के पक्ष में गवाह के रूप में पेश हुए थे। उनका कहना है कि उनकी सिग्नेचर की नकल की गई है और उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानWed, 1 Jan 2025 06:28 AM
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पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा का कहना है कि ममता बनर्जी की टीएमसी बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण देकर उन्हें भारतीय दस्तावेज मुहैया करवा रही है। इस आरोप को उस समय बल मिला जब मालदा जिले का एक मामला सामने आया है। तृणमूल कांग्रेस की एक पंचायत प्रमुख पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगाया गया है। मालदा जिले के हरीशचंद्रपुर के रसीदाबाद ग्राम पंचायत की प्रमुख लवली खातून को बांग्लादेशी नागरिक बताया जा रहा है।

इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की गई है। आरोप लगाया गया है कि लवली का असली नाम नाजिया शेख है और वह बांग्लादेश की नागरिक हैं। कहा जा रहा है कि तृणमूल के सत्ता में आने के बाद लवली भारत में घुस आईं। 2015 में उनका नाम वोटर लिस्ट में डाला गया और 2018 में उन्होंने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के माध्यम से अपनी पहचान बदल ली। इसके बाद उन्होंने स्थानीय बाघमारा क्षेत्र के शेख मुस्तफा को अपना पिता बताकर खुद को भारतीय नागरिक साबित करने की कोशिश की।

बाघमारा के लोग दावा कर रहे हैं कि शेख मुस्तफा के सभी बच्चों को वे पहचानते हैं, लेकिन लवली खातून का उनके परिवार से कोई संबंध नहीं है। इसके अलावा उन व्यक्तियों ने भी हलफनामा पेश किया है जो लवली के पक्ष में गवाह के रूप में पेश हुए थे। उनका कहना है कि उनकी सिग्नेचर की नकल की गई है और उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।

भाजपा के स्थानीय नेता आरोप लगा रहे हैं कि तृणमूल के नेताओं द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण दी जा रही है और उन्हें भारतीय दस्तावेज बनवाने में मदद की जा रही है। उनका यह भी कहना है कि इन घुसपैठियों ने विदेशों से पैसे लेकर मालदा जिले में बड़ी मात्रा में जमीन खरीद ली है। इससे इलाके की जनसंख्या संरचना बदल रही है और ये घुसपैठिए स्थानीय लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।

इस मामले में हाइकोर्ट में कोई रिपोर्ट अब तक जमा नहीं की गई है। आरोपी लवली खातून का नाम नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) में भी नहीं है। यह दावा भी याचिकाकर्ता ने ही किया है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया है, लेकिन भाजपा ने इस मामले में सरकार की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए हैं।

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