Hindi Newsदेश न्यूज़Baba Ramdev Patanjali Accused of Fish Extract in Vegetarian Product Court Sought Answer from Centre

पतंजलि के इस प्रोडक्ट में है मछली का अर्क? शाकाहारी बता बेचा जा रहा; ऐक्शन में कोर्ट

  • जस्टिस संजीव नरूला ने वकील यतिन शर्मा की याचिका पर केंद्र, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ-साथ पतंजलि, दिव्य फार्मेसी, योग गुरु रामदेव और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 30 Aug 2024 04:41 PM
share Share

Baba Ramdev Patanjali: योग गुरु रामदेव का पतंजलि एक बार फिर से विवादों में घिर गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि के दिव्य दंत मंजन को शाकाहारी ब्रांड के रूप में पेश करने के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के अनुरोध संबंधी याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि दंत चिकित्सा प्रोडक्ट को हरे रंग के डॉट के साथ बेचा जा रहा है, जो कि यह दर्शाता है कि यह एक शाकाहारी वस्तु है लेकिन इस दंत प्रोडक्ट में मछली का अर्क है, जो एक मांसाहारी है।

जस्टिस संजीव नरूला ने वकील यतिन शर्मा की याचिका पर केंद्र, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ-साथ पतंजलि, दिव्य फार्मेसी, योग गुरु रामदेव और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि कानून में किसी दवा को शाकाहारी या मांसाहारी घोषित करने का प्रावधान नहीं है, लेकिन दिव्य दंत मंजन की पैकेजिंग पर गलत तरीके से हरा डॉट अंकित है, जो औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत गलत ब्रांडिंग के रूप में आता है।

मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ताओं स्वप्निल चौधरी और प्रशांत गुप्ता ने कहा कि उत्पाद में समुद्र फेन (सीपिया ऑफिसिनेलिस) है, जो मछली के अर्क से प्राप्त होता है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि यह बात उनके और उनके परिवार के लिए दुखद है, जो धार्मिक विश्वास और आस्था के कारण केवल शाकाहारी सामग्री/उत्पादों का उपभोग करते हैं।

बता दें कि रामदेव को पिछले कुछ समय में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। पतंजलि प्रोडक्ट्स के विज्ञापन को लेकर सु्प्रीम कोर्ट इस साल की शुरुआत में रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कड़ी फटकार लगा चुका है, जिसके बाद रामदेव और बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होकर माफी तक मांगनी पड़ गई थी। कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को उसके द्वारा निर्मित दवाओं से संबंधित कोई भी विज्ञापन प्रकाशित न करने के लिए निर्देश देते हुए टिप्पणी की थी और कहा था कि इस तरह के भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है। कई महीनों तक चली सुनवाई और फटकार के बाद योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अवमानना की कार्यवाही को बंद कर दिया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख