मणिपुर में असम राइफल्स को क्यों खाली करना पड़ा कैंप, एक दिन पहले भीड़ ने कर दिया था हमला
- मणिपुर के कामजोंग जिले में स्थानीय लोगों की भीड़ के हमले के बाद असम राइफल्स ने एक अस्थायी शिविर को खाली करने का फैसला किया है। यहां 11 जनवरी को भीड़ ने कैंप पर हमला कर दिया था। इसके बाद स्थानीय लोगों के प्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों ने बैठक की।
मणिपुर के कामजोंग जिले में असम राइफल्स के एक अस्थायी शिविर में आक्रोशित भीड़ द्वारा तोड़फोड़ किए जाने के एक दिन बाद, अर्द्धसैन्य बल के जवानों ने रविवार को परिसर खाली कर दिया। भीड़ ने शनिवार को होंगबेई गांव स्थित शिविर में धावा बोल दिया और कथित उत्पीड़न एवं इमारती लकड़ी के परिवहन पर प्रतिबंध को लेकर कैंप में तोड़फोड़ की थी।
एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी। इस बैठक में तंगखुल नगा नागरिक समूहों और असम राइफल्स के प्रतिनिधियों के अलावा कामजोंग जिले के पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त ने हिस्सा लिया।
अधिकारी ने कहा, ‘हालात शांतिपूर्ण है और रविवार को किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।’ असम राइफल्स ने होंगबेई में एक चौकी स्थापित की थी और एक अस्थायी शिविर का निर्माण किया था, जिसके बाद पड़ोसी गांवों के निवासियों ने अर्द्धसैन्य बल पर उत्पीड़न और उनकी आवाजाही को प्रतिबंधित करने का आरोप लगाया था।
नगा बहुल जिले के कासोम खुल्लेन ब्लॉक के ग्रामीणों ने शनिवार को असम राइफल्स के अस्थायी शिविर पर धावा बोल दिया और उसे ध्वस्त कर दिया।वहीं, असम राइफल्स ने उत्पीड़न और प्रतिबंधों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘ग्यारह जनवरी को, होंगबेई में चौकी पर तैनात असम राइफल्स के जवानों ने एक वाहन का निरीक्षण किया और पाया कि इमारती लकड़ी से भरे वाहन के पास अनिवार्य दस्तावेज नहीं थे। प्रक्रियाओं का पालन करते हुए, असम राइफल्स के जवानों ने वाहन को रोक लिया।’
अर्द्धसैन्य बल ने आरोप लगाया, ‘अराजक तत्वों ने स्थानीय लोगों को असम राइफल्स के जवानों पर वाहन छोड़ने के लिए दबाव बनाने को लेकर उकसाया।’ असम राइफल्स ने दावा किया, ‘भीड़ हिंसक हो गई जिसके बाद जवानों ने उचित और जरूरी कार्रवाई की।’ असम राइफल्स के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और हवा में गोलियां चलाईं। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली।
असम राइफल्स उन केंद्रीय बलों में से एक है, जिन्हें मणिपुर के विभिन्न इलाकों में तैनात किया गया है। राज्य में मई 2023 से कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए। मणिपुर में असम राइफल्स को क्यों खाली करना पड़ा कैंप, दो दिन पहले भीड़ ने कर दिया था हमला