भानुमति ने कुनबा जोड़ा; अजमेर दरगाह के खिलाफ अर्जी को लेकर महबूबा मुफ्ती का पूर्व CJI पर निशाना
- ajmer sharif dargah temple row: पीडीपी की नेत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि एक पूर्व न्यायाधीश ने अपने आदेश से भानुमती का कुनबा जोड़ दिया है। संभल में हिंसा हुई, वह उसी आदेश का परिणाम थी। पहले मस्जिदों को निशाना बनाया गया, अब अजमेर दरगाह को.. इससे केवल हिंसा बढ़ेगी और कुछ नहीं।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की नेत्री महबूबा मुफ्ती ने अजमेर दरगाह के खिलाफ अदालत में दायर याचिका की निंदा की है। उन्होंने कहा कि मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने से देश में एकता नहीं आ सकती। इससे केवल और अधिक रक्तपात होगा। मुफ्ती ने पूर्व सीजेआई पर भी सर्वेक्षण की अनमुति देने को लेकर निशाना साधा कि उन्होंने भानुमति का कुनबा खोल दिया है। इसकी वजह से ही लगातार इस तरह की अर्जियां डाली जा रही है और कोर्ट ऐसे निर्णय दे रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखे एक पोस्ट में मुफ्ती ने कहा, “भारत के एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश की बदौलत इस तरह के मामलों का भानुमती का कुनबा जोड़ दिया है, जिससे अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों के बारे में विवादास्पद बहस शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश जारी कर कह दिया था कि धार्मिक स्थलों की पहचान 1947 जैसी ही बनी रहनी चाहिए, इसके बाद भी मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति दी गई। उनके एक फैसले ने हिंदू मुसलमानों के बीच तनाव को बढ़ाने की स्थिति पैदा कर दी है।”
महबूबा इस मामले में परोक्ष रूप से तत्कालीन सीजेआई डी वाई चंद्रचूड की आलोचना कर रही थीं। दरअसल, पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी थी। इस अनुमति के बाद विवाद बढ़ गया था।
संभल की हिंसा भी उसी आदेश का परिणाम- महबूबा मुफ्ती
संभल में मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा को भी मुफ्ती ने ज्ञानवापी सर्वेक्षण से जुड़े आदेश से जोड़ा। उन्होंने कहा कि उनके उस आदेश के बाद से ही ऐसे आदेश आने शुरू हुए। संभल में जो हिंसा हुई वह उसी आदेश का परिणाम है।
उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद की जांच के लिए पहुंची टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया था, जिसके बाद हिंसा शुरू हो गई। इसमें कई लोगों की मौत भी हो गई थी। दरअसल, टीम यहां पर अदालत के आदेश के बाद यह जांच करने के लिए पहुंची थी कि क्या उस स्थान पर पहले हरिहर मंदिर था या नहीं।
मुफ्ती ने कहा कि पहले मस्जिदों को निशाना बनाया जा रहा था। और अब अजमेर शरीफ जैसी पाक जगह को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है। इस सबसे केवल और अधिक खून-खराबा हो सकता है। मुफ्ती ने सवाल पूछते हुए कहा कि विभाजन के दिनों की याद दिलाने वाले इस सांप्रदायिक तनाव का जिम्मेदार कौन है?
जिन्हें तकनीक की क्रांति लानी चाहिए वह मिथक बना रहे हैं- सज्जाद लोन
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी इस याचिका पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आज एक महीने में 2025 आने वाला है, दुनिया एआई की तरफ बढ़ रही है। दुखद है कि हमारे समाज ने धार्मिक आधारों पर बहस करके पीछे जाने का रास्ता चुना है। लोन ने चिंता जताते हुए कहा कि आज पूरे राष्ट्र का ध्यान छिपे हुए मंदिरों को उजागर करने में लगा हुआ है। यह दुखद है। जिन भारतीयों को तकनीकी की आधुनिक क्रांति की शुरुआत करने में सबसे आगे होना चाहिए था, वे मिथक गढ़ने में व्यस्त हैं।