Hindi Newsदेश न्यूज़Afspa extended in some districts of Nagaland and Arunachal Pradesh

हिंसा की खबरों के बीच सरकार का बड़ा फैसला, नॉर्थ ईस्ट में AFSPA का दायरा बढ़ा

  • बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पूर्वोत्तर राज्यों के 70 प्रतिशत इलाकों से AFSPA हटा दिया गया है। अमित शाह ने यह भी कहा था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में भी AFSPA हटाने पर विचार करेगी।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 26 Sep 2024 01:01 PM
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केंद्र सरकार ने हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए आर्म्ड फोर्सेस (स्पेशल पॉवर) एक्ट (AFSPA) का दायरा बढ़ा दिया है। इस कानून के तहत सुरक्षा बलों को किसी क्षेत्र को अशांत घोषित करने की छूट होती है। केंद्र ने पूर्वोत्तर के दो राज्यों नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद AFSPA का दायरा बढ़ाया है। AFSPA के तहत सशस्त्र बलों के ऑपरेशन में मदद करने के लिए किसी क्षेत्र या जिले को डिस्टर्ब एरिया या अशांत क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया जाता है। इन क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी समझे जाने पर गोली चलाने के भी अधिकार मिल जाते हैं।

बुधवार शाम को जारी अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि आर्म्ड फोर्सेज (स्पेशल पॉवर) एक्ट, 1958 की धारा 3 में दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल, 2024 से छह महीने की अवधि के लिए नागालैंड के आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 पुलिस स्टेशनों को 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि नागालैंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई है। नागालैंड के जिन जिलों में AFSPA को फिर से लागू किया गया है उनमें दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन शामिल हैं।

अरुणाचल प्रदेश के इन जिलों में लागू

एक अलग अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा कि AFSPA के तहत केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखाम पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को 1 अप्रैल, 2024 से 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया है।

गृह मंत्री ने दिया था आश्वासन

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पूर्वोत्तर राज्यों के 70 प्रतिशत इलाकों से AFSPA हटा दिया गया है जबकि जम्मू-कश्मीर में यह कानून लागू है। अमित शाह ने यह भी कहा था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में भी AFSPA हटाने पर विचार करेगी।

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