इंसानियत पर धब्बा; बंगलादेश में हिंदू नेता की हत्या पर भड़के सद्गुरु, यूनुस सरकार को खूब सुनाया
- बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है। दिनाजपुर में हिंदू नेता की हत्या ने धार्मिक सहिष्णुता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सद्गुरु समेत कई हस्तियों ने इस अमानवीय कृत्य की निंदा की है और कार्रवाई की मांग की है।

आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बंगलादेश में हिंदू समुदाय के एक वरिष्ठ नेता के कथित अपहरण और हत्या की सख्त निंदा की है। उन्होंने कहा कि बंगलादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार अब रुकने चाहिए। सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में सद्गुरु ने लिखा, "बंगलादेश में अल्पसंख्यक समुदाय का यह बर्बर उत्पीड़न बंद होना चाहिए। यह उपमहाद्वीप और मानवता पर एक धब्बा है। यह अस्वीकार्य है।"
सद्गुरु का यह बयान उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें कहा गया कि बंगलादेश में हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय को गुरुवार को उनके घर से अगवा किया गया और अज्ञात हमलावरों ने बेरहमी से पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। इस जघन्य वारदात के बाद बंगलादेश में हिंदू समुदाय में जबरदस्त गुस्सा है। मानवाधिकार संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी आलोचना की है।
भारत सरकार ने जताई चिंता
भारत ने भी इस हत्या की निंदा की है और बंगलादेश से मांग की है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान बंगलादेश के कार्यवाहक प्रमुख मुहम्मद यूनुस से इस मुद्दे पर चर्चा की थी और भारत की चिंता स्पष्ट शब्दों में जाहिर की थी।
147 घटनाओं का खुलासा
ढाका स्थित मानवाधिकार संगठन ऐन-ओ-सलिश केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में बंगलादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की 147 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसमें 408 घरों में तोड़फोड़, 113 व्यवसायों पर हमले, और 92 मूर्तियों की अपवित्रता के मामले शामिल हैं।
अवामी लीग के पतन के बाद बढ़ा हिंसा का ग्राफ
बंगलादेश की प्रमुख अखबार प्रोथोम एलो के मुताबिक, अगस्त 2024 में अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद हिंदू समुदाय के खिलाफ लक्षित हिंसा में भारी इजाफा हुआ है। कई क्षेत्रों में मंदिरों, घरों और दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है। भारत पहले भी कई बार इस तरह की घटनाओं पर चिंता जताता रहा है।